Monday, March 21, 2016

चाची के साथ सुहागरात -Hindi Sexy Story

मैं राज आगरा से। एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। १० साल पहले जब मैं १८ साल का था, मेरे दूर के रिश्ते में चाचा चाची बरेली में रहते थे। एक दिन पता चला कि वो हमेशा के लिये आगरा में आ गये हैं। मै और घर के सभी लोग उनसे मिलने गये। लगभग १० साल पहले उनकी लव मैरिज हुई थी पर कोइ बच्चा नहीं हुआ। चाची कि उमर ३० साल होगी। मैने चाची को देखा तो देखता ही रह गया। लम्बी, गोरी चिटटी चाची का भरा बदन, चौड़ी कमर, बाहर निकले उत्तेजक हिप्स और ब्लाउज से बाहर झांकते बड़े-बड़े स्तन मेरे मन में हलचल मचाने लगे। मेरे मन में उनको नंगा देखने और चोदने का ख्याल आने लगा।
मेरे चाचा अपना व्यापार करने की सोच रहे थे। मै अक्सर उनके घर आया जाया करता था। मै चाची से खूब घुल मिल गया था और वो भी मेरा काफ़ी खयाल रखती थी। एक दिन चाचा को बाहर जाना था तो चाची बोली कि उन्हें रात को अकेले में डर लगेगा। चाचा ने मेरि मां से बात की तो मां ने मुझे कहा कि तुम रात को चाची के पास सो जाया करो।
मैं रात को ९ बजे चाची के पास पहुंच गया। चाची बोली- राज! तुम्हारे लिए अलग बिस्तर लगायें या तुम मेरे साथ ही सो जाओगे? मैने कहा - जैसा आप ठीक समझें। मैं तो कहीं भी सो जाउन्गा। चाची बोली- तो तुम इसी बिस्तर पर सो जाना। फ़िर चाची अपने काम में लग गयी। रात को १० बजे चाची कमरे में आयी और साड़ी उतारते हुए बोली - राज, तुम अखबार पढ रहे हो, मैं सो रही हूं, जब तुम्हें नीन्द आये तुम सो जाना। थोड़ी देर में मैने लाईट बंद की और लेट गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी। काफ़ी देर बाद चाची उठकर लाईट जला कर बाथरूम गयी और वापिस आकर लेट गयी। मैं जाग रहा था लेकिन आंखे बंद करके लेटा था।
कुछ देर बाद चाची बोली - राज तुम सो रहे हो? मैने अचानक जगने का बहाना किया और बोला क्या हुआ चाची?
चाची एक दम मुझ से लिपट गयी और बोली मुझे डर लग रहा है। मैने कहा- डर कैसा? पर मुझे करंट सा लगा जब उनके बूब्स मेरी छती से छुये। उनकी एक टांग मेरे उपर थी। मैने भी उनकी टांग पर एक पैर रख दिया और उनकी पीठ पर हाथ रखते हुए कहा- सो जाओ चाची। चाची धीरे धीरे मेरी बाहों मे सिमटती जा रही थी और मुझे मजा आ रहा था। धीरे से मैने उनके हिप्स पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा। चाची को मजा आ रहा था। फ़िर चाची सीधी लेट गयी और मेरा हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा कि तुम मुझ से चिपट कर सोना, मुझे डर लग रहा है। अब मै भी उनसे चिपट गया और उनके बूब्स पर सिर रख लिया। मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था। मै धीरे धीरे उनका पेट औए फ़िर जांघ सहलाने लगा।
तभी चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ हुक खोल दिये यह कह कर कि बहुत गर्मी लग रही है। अब उनके निप्पल साफ़ नज़र आ रहे थे। मैने बूब्स पर हाथ रख लिया और सहलाने लगा। अब मेरी हिम्मत बढ चुकी थी। मैने उनके बूब्स को ब्लौज से निकाल कर मुंह मे ले लिया और दोनो हाथों से पकड़ कर मसलते हुए उनका पेटीकोट अपने पैर से उपर करना शुरु कर दिया। वह बोली-क्या कर रहे हो? मैने जोश में कहा- चाची आज मत रोको मुझे। उनकी गोरी गोरी जांघों को देख कर मै एक दम जोश मे आ चुका था। उनकी चूत नशीली लग रही थी। मैने उनकी चूत को चाटना शुरु कर दिया।मै पागल हो चुका था।
मैने अपने पैर चाची के सिर की तरफ़ कर लिये थे। चाची ने भी मेरि नेकर को नीचे कर लिया और मेरा लन्ड निकाल कर चूसने लगी। वह मुझे भरपूर मजा दे रही रही थी। कुछ देर बाद चाची मेरे उपर आ गयी और मै नीचे से चूत चाटने के साथ साथ उनके गोरे और बड़े बड़े हिप्स सहलाने लगा। चाची की चूत पानी छोड़ गयी। अब मै और नहीं रह सकता था, मै उठा और चाची को लिटा कर, उनकी टांगें चौड़ी करके चूत में लन्ड डाल दिया और चाची कराहने लगी। मै जोर जोर से धक्के लगाने लगा। चाची ने मुझे कस के पकड़ लिया और कहने लगी- राज एसे ही करो, बहुत मजा आ रहा है, आज मै तुम्हारी हो गयी, अब मुझे रोज़ तुम्हारा लन्ड अपनी चूत में चहिये एएऊउ स्स स्सी स्स्स आह्ह्ह ह्म्म आय हां हां च्च उई म्म मा। कुछ देर बाद मेरे लन्ड ने पानी छोड़ दिया और चाची भी कई बार डिस्चार्ज हो चुकी थी।
उस रात मैने तीन बार अलग अलग ऐन्गल से चाची को चोदा। चाची ने भी मस्त हो कर पूरा साथ दिया। तब से जब भी चाचा बाहर जाते तो हम दोनो रात को खूब मजे करते। हमारा यह रिश्ता दो साल तक चला। इसी बीच चाची ने एक लड़का और एक लड़की को जन्म दिया। चाची ये दोनो मेरे ही बच्चे बताती हैं और यह बात कोइ और नहीं जानता।

Sunday, March 20, 2016

अम्मी ने गांड मरवा दी मेरी

मेरा नाम हबीब है में मुंबई में रहता हूँ में १८ साल का हूँ ,घर में मेरी अम्मी (४६) और आपा (२२) के साथ रहता हूँ ,मेरे अब्बाजान दुबई में नोकरी करते है , में बचपन से ही सेक्स की जानकारी नहीं के बराबर रखता हु, और जब में 16 साल का था तो अब्बू ने मेरे को पि सि लाकर दिया था, or ghar  par  brodband  ka  कनेक्सन भी करवा दिया था,अब्बू हर तिन महीने से घर आते रहते है , आपा (जिसका नाम रजिया है ) कॉलेज छोड़ चुकी है ,  और बच्चो को टुसन पढ़ाती है, वो दिखने में बहुत ही हसीं है ,
 अम्मी (जिसका नाम नजमा है ) थोड़ी मोटी है लेकिन पेट बहार नहीं आने दिया है , एक साल पहले मेरे अब्बू आये तो उन्होंने एक टूटर को मेरे लिए लगा दिया , वो टूटर hindu  था  और बहुत ही smart  था , वो ४० साल का था और कंवारा था ,
 एक दिन अम्मी और आपा दोनों ही किसी काम से बहार गयी थी , और टूटर जिसका नाम राज है वो aa  गया और मुझसे अम्मी के बारे में पूछा.
मैंने जब बताया की वो और आपा कल ही आएगी तो वो खुश हो गए , और बोले तुम्हारे pc  पर में काम कर सकता हूँ क्या मैंने कहा क्यों नहीं सर
और सर ने नेट पर एक साईट  चलादी जिसमे बहुत ही सेक्सी विडिओ थे , raj sir ne उसमे एक विडिओ दिखाया जो गे विडिओ था उसमे एक लड़का एक आदमी का लुंड चूस रहा है और बाद में गांड भी मरवाता है'में पहली बार ये सब देख रहा था , मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था , और अच्छा भी लग रहा था.
फिर सर ने धीरे धीरेमेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया , अब सर ने मेरी चुम्मी ले लीऔर कहा की कैसा लग रहा है में तो पागल ही हो गया था . बहुत ही मजा आरहा था क्योंकिपहले कभी मैंने ये सब नहीं किया था.
सर ने मेरा लंड पजामे से बहार निकल लिया और बोले = हबीब तेरा तो लंड बहुत ही छोटा है ,तू इसकी मालिश नहीं करता है क्या ,मैंने कहा नहीं सर तो सर ने कहा - अगर तू मालिश नहीं करेगा तो तेरा लंड छोटा रहा जायेगा और तू कभी अपनी बेगम को चोद नहीं पायेगा ,
क्या तुमने कोई लड़की को चोदा है कभी मैंने कहा नहीं सर ,सर ने कहा - अभी तक कोई लड़की को नहीं चोदा तुम 18 साल के हो चुके हो , जब की मुसलमानों में तो 18 साल के लड़के 2-3 बच्चो के बाप बन जाते है ,और तुम अभी तक लंड हिलाना भी नहीं सीखे हो .मुझे अजीब सा लग रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था ,सर मेरा लंड हिला रहे थे और मेरी पप्पिया भी ले रहे थे , तभी कालबेल बजी मेरा खड़ा लंड एक ही झटके में बेठ गया . बहार मेरा दोस्त जुनेद आया था , वो भी राज सर से ही टुसन पढता था उसे देख कर राज सर बहुत ही खुश हो गए और उसको गले से लगा लिया ,और सर ने जुनेद से पूछा -जुनेद तुम्हारी अम्मी कैसी है . जुनेद बोला ठीक है सर आपको बहुत ही याद करती है ,मुझे भी आपकी बहुत याद आती है
आप ने तो घर आना ही छोड़ दिया है . राज बोले जुनेद क्या करू तेरे बाप ने तो मेरी इज्जत ही ख़राब कर दी थी .जुनेद ने कहा - अब कोई डर नहीं है अब्बू कुवैत गए है और महीने से आयेंगे आप आराम से घर आओ अम्मी आपको बहुत ही याद करती है ,यह सुनकर राज सर बहुत ही खुश हो गए और उन्होंने जुनेद को
अपनी गोद में बिठालिया और उसकी पप्पी करने लगे . मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था तभी सर ने पूछा हबीब तेरी अम्मी कब आएगी मैंने कहा वो तो कल ही आएगी.
सर बोले आओ फिर आज में तुम्हे जन्नत की सैर कराता हूँ. अब सर ने जुनेद की पेंट उतर दी और मुझे भी अपना पजामा उतारने को कहा सर भी अपनी पतलून उतारने लगे ,में थोडा डर रहा था तभी जुनेद बोला हबीब मेरे यार डर मत सर बहुत ही मज़ा देते है और जुनेद मेरे पजामे को उतार कर मेरे लंड को हिलाने लगा और अचानक ही उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया में तो जैसे हवा में उड़ने लगा ,आज जिन्दगी में पहली बार इतना मज़ा आ रहा था जुनेद मेरा लंड चूस रहा था और सर ने अपना लंड खड़ा किया सर का लंड बहुत ही गोरा और लम्बा था करीब १० इंच का और २ इंच मोटा भी था .अब सर जुनेद के पीछे चले गए और जुनेद की गांड पर अपना थूक लगाने लगे . मुझे लगा की अब तो जुनेद की गांड फट ही जाएगी लेकिन जुनेद तो पूरा का पूरा लंड अपनी गांड में झेल गया ,और मेरा लंड जोर जोर से चूसने लगा थोड़ी देर बाद मुझे ऐशा लगा की में उड़ रहा हु अचानक ही मुझे पेशाब के जैसा लगा ,और मेरे लंड से सफ़ेद सा कुछ निकलने लगा और वो सब जुनेद निगल गया . थोड़ी देर बाद सर भी जुनेद की गांड में ही झड गए . जुनेद ने सर का लंड भी चाट चाट कर साफ़ कर दिया  ,जुनेद ने अपना लंड जो मेरे से भी छोटा था उसको हिलाने लगा और वो भी झड गया ये मेरी जिन्दगी का पहला तजुर्बा था .फिर सर चले गए घरपर में और जुनेद ही रह गए जुनेद मेरा दूर का रिश्तेदार भी लगता था .रत को हम एक ही बिस्तर पर सो गए और हम बातें करने लगे, मैंने जुनेद से पूछा ये सब कब से चल रहा है तो जुनेद ने बताया की बात एक साल पहले की है .जब उसने राज सर से टुसन चालू की थी राज सर दोपहर में उसको पढ़ने आते थे ,तब जुनेद के घर में जुनेद की अम्मी और जुनेद ही होते थे कभी कभी जब सर आते तो जुनेद को उसकी अम्मी कोई काम से उसको बहार भेज देती थी ,ऐसे ही एक दिन जब जुनेद की अम्मी ने उसको किसी काम से बहार भेजा तो थोड़ी देर बाद जुनेद को याद आया की वो पैसे तो लाया ही नहीं .जब जुनेद वापस घर आया तो घर का मेन गेट बंद था तो जुनेद पीछे के रस्ते से घर में आया तो उसने देखा की राज सर उसकी अम्मी के साथ एकदम नंगे बिस्टर पर लेटे हुए है . जुनेद सब समझ गया . तभी राज सर ने उसको देख लिया और राज सर ने उसे इशारे से चुप रहने को कहा और जब चुदाई पूरी हो गयी तो राज सर जुनेद की अम्मी के मुंह में झड गए अब जुनेद वापस मेन गेट से घर के अंदर आया .राज सर ने जुनेद को 200=रूपये दिए और कहा किसी को पता चला तो तुम्हारे घर की बहुत ही बदनामी होगी .
अब जुनेद भी अपनी अम्मी से खुलने लगा और एक दिन उसके अब्बू किसी काम से दिन के लिए बहार गए थे और जुनेद को पैसो की जरुरत पड़ी तो उसने अपनी अम्मी को कहा
अम्मी ने मना कर दिया तो जुनेद ने अम्मी को धमकी दी वो अब्बू को सर के बारे में बतादेगा. अम्मी एकदम से सकपका गयी और उससे माफ़ी मांगने लगी , अम्मी ने उसको समझाया की वो ये सब कीसी से नहीं कहेगा और जुनेद को पैसे भी दिए .
दुसरे दिन सर जब आये तो अम्मी ने उसे बहार जाने को कहा तो जुनेद ने कहा मुझे भी अब देखना है की आप लोग क्या करते हो सर ने भी अम्मी से कहा कोई बात नहीं
जुनेद अपना ही बच्चा है और राज सर ने जुनेद के सामने ही उसकी अम्मी को चोद डाला और राज सर ने अपना पूरा माल अम्मी के मुंह पर उढेल दिया—और उस रात को सर ने जुनेद की अम्मी को चार बार चोदा और जुनेद को भी लंड हिलाना सिखा दिया ,
अब जुनेद अपनी अम्मीके सामने ही अपना लंड हिलाता और उसकी अम्मी सर से चुद्वाती थी .
एक दिन उसकी अम्मी को पीरियड आ रहे थे और वो दो तिन दिन से राज सर को चूत नहीं मिल रही थी ,और राज सर ने अम्मी को कहा आज गांड मरने दो ना लेकिन अम्मी बोली नहीं मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है सर बोले टेंसन मत करो बहुत ही मज़ा आएगा . और सर ने मुझसे कहा जाओ थोडा तेल लेकर आओ .में तेल लाया और सर ने जुनेद के सामने ही उसकी अम्मी को नंगा कर दिया और उसकी गांड के छेड़ पर तेल डाल दिया और सर ने अपना लंड अम्मी की गांड में धीरे धीरे डालने लगे अम्मी करह रही थी सी सी सी सी सी आहा हा हा अल्लाह आह मर गयी अपना लंड निकाल लो राज अब दर्द हो रहा है
सर ने कहा बस दो मिनिट और सर ने अपना पूरा लंड अम्मी की गांड में ठेल दिया अम्मी जोर से चिल्लाई है अल्लाह और अम्मी रोने लगी मैंने सर से कहा प्ल्ज़ छोड़ दो मेरी अम्मी को तो सर ने कहा -जुनेद पहली बार गांड मारा रही है इसलिए दर्द हुआ है दो मिनिट में अम्मी चुप हो गयी और सिसकिय भरने लगी और कहने लगी राज आहा मज़ा आ रहा है दल दो पूरा फाड़ दो मेरी गांड आहा आहा और करीब दस मिनिट में सर अम्मी की गांड में ही झड गए –
---और पुरे तिन दिन राज सर ने अम्मी की खूब गांड मारी , इसी बीच में और अम्मी काफी खुल चुके थे में कभी कभी अम्मी के बूब छू लेता था और अम्मी भी रात में कभी कभी मेरा लंड हिला देती थी , फिर अब्बू जब वापस आये तो वो दिन को घर में ही रहते थे इसलिए अम्मी सर से नहीं चुदा सकती थी . एक दिन अब्बू आये और रात को जोर की आवाजे अम्मी के रूम से आई में वह गया तो अम्मी अब्बू से कह रही थी -तुम खाली आग लगते हो और छोड़ देते हो अपना पानी तो निकाल लेते हो लेकिन मेरा क्या
अब्बू बोले क्या करू में मेरा लंड तो ठीक है लेकिन तेरी चूत बड़ी हो गयी है अम्मी बोलने लगी मेरा पानी निकालो अब्बू ने कहा कैसे अम्मी ने कहा चाटकर तो अब्बू को गुस्सा आ गया और अम्मी को गालिया देने लगे , और बाद में अब्बू नींद की गोली लेकर सो गए . रात को करीब तिन बजे अम्मी ने मुझे जगाया और कहा जुनेद बेटा मेरे से रहा नहीं जा रहा है और चूत में बहुत ही खुजली हो रही है , और तेरे सर भी कई दिन से मुझे छोड़ नहीं पा रहे है. अब तू ही कुछ कर न मैंने कहा में क्या करू अम्मीजान तो अम्मी ने कहा आज अपनी अम्मी को अपनी जान बनाले और अम्मी मुझसे लिपटने लगी लंड तो मेरा भी खड़ा हो रहा था में भी अम्मी से चुम्मा छाती करने लगा मैंने कहा अब्बू तो नहीं जग जायंगे अम्मी बोली नहीं रे वो तो सुबह ही उठेंगे .-- अम्मी मेरा लंड चाटने लगी मेरा लंड करीब छः इंच का था पूरा खड़ा हो गया और अम्मी ने अपनी सलवार उतर दी अंदर से वो पूरी नंगी थी और झांटे भी थी
अम्मी बोल छोड़ ना और हवस की आग में में अपनी ही अम्मी की चूत जहाँ से में निकला था वही पर अपना लंड डालने लगा और बीस तीस धक्को में ही मेरा पानी निकाल गया लेकिन अम्मी जो सर से  आधा आधा घंटा चुत्वती थी वो और भड़क गयी और बोली जुनेद अपनी अम्मी पर एक अहसान कर आज अपनी अम्मी की चूत को चाटकर इसमें से पानी निकाल दे
---और अम्मी ने मेरा मुहँ पकड़ कर अपनी चूत से सटा दिया और रगड़ने लगी मेरे मुहँ में नमकीन और खट्टा सा स्वाद आने लगा और में अपनी ही अम्मी की चूत चाटने लगा .
करीब बीस मिनिट के बाद अम्मी की बुर पानी छोड़ने लगी और में पूरा पानी पी गया .
अब तो अम्मी और में जब चाहते अपनी प्यास बुझा लेते . और जब अब्बू बहार जाते तो अम्मी सर से चुद्वाती थी सर ने अम्मी को बहार भी लेजाना चालू कर दिया
बहार लेजा कर सर अपने दोस्तों को अम्मी चुद्वाते थे और अम्मी को पैसा भी दिलवाते थे .अम्मी मेरा पूरा ध्यान रखने लगी और पैसा भी देने लगी .
इसी तरह पिछले महीने मेरे चाचा जान जो गाँव में रहते है की तबियत अचानक बिगड़ गयी और अब्बू और अम्मी दस दिन के लिए गाँव चले गए .
 दुसरे दिन सर मुझे पढने आये और बोले आज तो मेरा लंड खड़ा हो गया है . अम्मी कहाँ है तो मैंने उनको बताया .तो वो बोले जुनेद आजतुम गांड मरवा लो ना प्लीज और सर ने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगा में डर गयाकी अब तो मेरी गांड फट जाएगी ,सर ने कहा डरो मतफिर सर ने मुझे नंगा कर दिया और मुझे चूमने लगे और सर ने मेरा लंड भी चूसा फिर सर ने अपनी एक अंगूली मेरी गांड मेंधीरे धीरे डाली
और आगे पीछे करने लगे पहले दर्द का अहसास हुआ लेकिन थोड़ी देर में मज़ा आने लगा फिर सर ने मेरी गांड के छेड़ को चाटना चालू किया हबीब मेरे भाई क्या बताऊ कितना मज़ा आया सर ने अपनी जीभ मेरी गांड में डाल दी
और उसे आगे पीछे करने लगे और सर बोले जुनेद थोडा सा दर्द जरुर होगा लेकिन मज़ा बहुत ही आएगा तुमने अपनी अम्मी को देखा होगा की कैसे अपनी चूत से ज्यादा अपनी गांड मरवाती है मुझसे और सर की बातों से मेरी हिम्मत बन गयी और सर ने अपना दस इंच का लंड मेरी गांड में धीरे-धीरे डालने लगे और एक झटके में पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया मुझे ऐसा लगा की में मर जाऊंगा लेकिन दो ही मिनिट में
मेरी गांड में सर का लंड एडजस्ट हो गया अब सर अपना लंड आगे पीछे करने लगे और आधे घने तक मेरी गांड मारी फिर अपना पानी मेरे मुहँ में निकला और जाते समय मुझे पांच सौ रूपये भी दिए . --तिन दिन बाद राज सर ने कहा आज कहीं बहार चलते है और में उनकी बाइक पर चल दिया शहर से बहार एक फार्म हाउस था
वहा पर सर का एक दोस्त और आ गया जिसके साथ एक चालीस साल की ओरत थी फिर हम फार्म हॉउस के अंदर गए वो फार्म हॉउस सर के दोस्त का था उस दोस्त को बड़ी उम्र की ओरतो और लडको की गांड का बहुत ही शोक था, और वो अम्मी को भी छोड़ चूका था और जो ओरत उसके साथ थी वो रिश्ते में उसकी फूफी लगती थी फिर हम सब नंगे हो गए और सर ने उस ओरत जिसका नाम रानी था को चोदना चालू किया और सर का दोस्त जिसका नाम लाला था उसने मेरी गांड मारी फिर मैंने रानी को चोदा और चार घंटे बाद सर ने मुझसे कहा चलो चलते है जाते समय लाला ने मुझे दो हजार रूपये दिए .हबीब अब इस बात कोदो महीने बीत गए है अम्मी की चुदाई और गांड मराने का मज़ा कैसा होता है तुम भी जान लो और जुनेद मेरा लंडमुथ्ठियाने लगा और मेरा पजामा खोल लंड चूसने लगा .
और जुनेद ने कहा मेरी गांड मारो हबीब.उस रात मैंने दो बार जुनेद की गांड मारी और सुबह जुनेद ने कहा की में तुम्हे अपनी अम्मी जरुर चुदा उंगा . अब मेरा लंड भी अपनी ही अम्मी और आप को देख कर खड़ा होने लगा और में उनके बारे में सोच सोच कर रात को मुट्ठिया मारने लगा था ,एक दिन रात में जब में पीसी पर पोर्न देख रहा था तो मेरे कानो में कोई आवाज पड़ी जो शायद अम्मी के कमरे से आई थी आपको बतादू मेरे घर में तीन रूम है
जब अब्बू नहीं होते है तो आप और अम्मी एक ही साथ सोती है .में धीरे से बहार आया और अम्मी के रूम के पास जाकर कान लगाया तो मेरी तो हैरत का ठीक ही ना रहा ....अंदर से मेरी अम्मी की आवाज आ रही थी जो आपा से कह रही थी = आहा रजिया क्या करती है थोडा और जोर से डाल न मेरी जान मेरी बुलबुल ,आहा चोद डाल अपनी अम्मी की बुर इस प्लास्टिक के लंड से आहा आहा सी सी सी आआआआआआअ डाल दे पूरा कुतिया तेरा अब्बा तो गांड ही मारता है,कम से कम तू इस प्लास्टिक के लंड से अपनी अम्मी को राजी कर दे रजिया तुम तो अपने दोस्तों से चुदवा लेती हो हाय कभी अम्मी को भी चुदवा दे ना.
रजिया मेरी रंडी बेटी तेरा अब्बा भी तुझे चोदना चाहता है हाय आहा हा हहहहहः मेरे मालिक रजिया आहा हाहा मेरा निकल गया हाय ,,और अम्मी की आवाज बंद हो गयी .
आपा की आवाज आई अम्मी तुम तो मतलबी हो तेरा काम हो गया लेकिन मेरी बुर का इलाज कोन करेगा चलो पहले इसको चाटो और फिर ये ही लंड मेरी चूत में डालो ना मेरी प्यारी अम्मी .और रजिया ने आगे जो अम्मी से कहा वो सुन कर तो में पागल ही हो गया रजिया ने कहा की अम्मी हबीब के सर है ना बहुत ही चुदक्कड़ और गांडूहैऔर वो बहुत सीलडकियों की चूत और लडको की गांड मार चुके है ,और अम्मी ने कहातुमको कैसे मालूम तो रजिया बोली में जहाँ पढ़ाने जाती हूँ ना वहा रोजी आंटी जिसके दोनों बच्चो को में पढ़ाती हूँ उनकेसाथ में दो बार राज सर को देख चुकी हूँ वोभी
अजीब हालत में अक दिन तो राज सर का हाथ मैंने रोजी की स्किर्ट में देखा था ,अम्मी ने कहा -क्या बात करती हो रजिया ,हाँ अम्मी और तो और वो सिन्धी बनिया नहीं है जिसकी छोटी बेटी मेरे साथ पड़ती थी और जिसके साथ मैंने पहली बार लेस्बो सेक्स किया था और तुमने मुझे उसके साथ पकड़ा था
अम्मी - अरे टीना क्या ,,,---------------रजिया - हां अम्मी वो राज सर से दो तीन बार चुदा चुकी है उसने मुझे बताया की राज सर का लंड दस इंच का है और वो अपनी झांटे एकदम साफ रखते है,और चूत भी चाटते है और वो पैसे भी देते है ,और निरोध लगाकर छोड़ते है यानि कोई खतरा भी नहीं ,और अम्मी अक बार जब टीना और राज सर चुदाई कर रहे थे तो टीना का भाई विक्की आ गया तो राज सर ने उसे भी
पता लिया और विक्की की गांड मारी और टीना की चूत भी चटाई अम्मी में तो बोलती हूँ की रोज रोज प्लास्टिक के लंड से चुदने से अच्छा है की हम राज सर से सेट्टिंग करले . अम्मी वो बहुत ही पैसे वाले भी है अम्मी -पर रज्जो घर में हबीब भी है ना ,
 रजिया - उसको में पटा लुंगी मेरी अम्मी , अम्मी - पर कैसे रज्जो , रजिया - तुम कल उसको बोलना की रजिया को बहार घुमा कर लाया कर अब्बू ने नई मोटर साइकिल दिलाई है ना
और में उसके पीछे बैठ कर घुमुंगी और अपने बोबे जब उसकी पीठ से रगर उंगी तो उसके दिल में भी अपनी आपा के बारे में हवस जग जाएगी ,अम्मी - रजिया तुम अपने ही भाई से चुदवाने का सोच रही हो क्या ,रजिया - अम्मी तुम भी तो मामा जान से चुद चुक्की हो ,ये सब सुन कर मेरा लुंड बुरी तरह से खड़ा हो गया और में वही पर अपना लंड हिलाने लगा पता नहीं क्यों मुझे ये सब अच्चा लग रहा था.(हबीब और रजिया की सुहागरात और अम्मी का सर के साथ सुहागदीन ) मुझे सुबह का इन्तजार था मेरी आँखों के सामने मेरी आपा के बूब और आपा के रसीले होंठ आ रहे थे रात को मैंने दो बार और पानी निकाला,
और थका हुआ में नंगाही सो गया (में आपको बतादू की अम्मी सुबह हमेशा मुझे आकर उठती है और चाय पिलाती है)सुबह अम्मी ने आकरजगाया और जल्दी से उठाया और कहा - हबीब शर्म नहीं आती है घर में जवान बहिन है और तू नंगा सोता है और ये क्या बिस्तेरभी ख़राब कर दिया .हाई अल्लाह क्यामुहं दिखाउंगी तेरे अब्बू को ये सब पता चल गया तो वो तुझे मार ही डालेंगे (मेरे अब्बू का गुस्सा बहुत ही खतरनाक है )डर के मरे मैंने अम्मी के पैर पकड़ लिएऔर कहा अम्मी किसीको मत बताना में आप जो कहोगी वो करूँगा . अम्मी ने कहा - हबीब अक शर्त पर किसी को नहीं कहूँगी मैंने कहा - मुझे आपकीहर शर्त मंजूर है अम्मी .
अम्मी ने कहा - चल उठ जा राजा, में उठा तो पता चला में नंगा ही अम्मी के सामने खड़ा हूँ.
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और अम्मी मुझे ही देख रही थी ,फिर अम्मी बोली तुम रोजाना ये सब करते हो क्या और अम्मी ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली -ये सब करने से तेरा ये (लंड ) ख़राब हो जायेगा और तेरी बेगम
गैर मर्दों के पास जाएगी राजा (अम्मी मुझे प्यार से राजा कहती हँ) और पता नहीं क्यों मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा .अम्मी को भी पता चल चूका था मेरा लंड करीब सात इंच का था और एक इंच मोटा था .में बोला -अम्मी छोडिये ना आपा आ जाएगी .
अम्मी - वो तो पढ़ाने जा चुकी है राजा लेकिन लगता है आज मेरे राजा को कुछ पढाना पड़ेगा और तू निचे कितनी गंदगी रखता है कोई बीमारी हो गयी तो ,(मेरी झांटे थोड़ी बढ़ी हुई थी )
और अम्मी ने कहा आज मेरे राजा को में नहलाउंगी (उस दिन मेरे कोलेज में छुट्टी थी ) और अम्मी ने मेरे लंड को हिला दिया .फिर अम्मी बोली - राजा कभी असली मज़ा लिया है या हाथगाड़ी ही चलाई है

अम्मी अब खुल कर बोल रही थी और मेरा लंड खड़ा हो गया था अम्मी बार-बार उसे हीदेख रही थी और वो अपनी जीभ से अपना होठ सहला रही थी ,मेरी अम्मी 46 साल की है और वो अपने शरीर का बहुत ही ख्याल रखती है दोबच्चो की अम्मी होने बाद भी वो लगती नहीं है .उनकी गांड बहुत ही गोल है और मुहँएकदम गोल अम्मी देखने में नेपालन सी लगती है और उनका पेट जरा भी बहार नहीं निकलाहै .
--और अम्मी अपने जिस्म पर एकदम फिट कपडे ही पहनती है जिससे वो और भी हसीन लगती है, अम्मी की 5.4'' है , और अभी उन्होंने वी गले का गाउन पहन रखा था , और उनके भरी बूब 36'' जो के है ,उनकी दरारे दिख रही थी ,अम्मी का हाथ अभी भी मेरा लंड मसल रहा था और अब मेरे लंड से हल्का पानी भी आने लगा था ,और अम्मी ने दुसरे हाथ से मेरी गांड का छेद हलके हलके रगड़ ने लगी अब मुझसे रुका नहीं गया और मैंने अम्मी के बूब दबोच लिए और जोर से दबाया ,अचानक अम्मी ने मुझे एक थप्पड़ मारा-हबीब अम्मी चोद बनना चाहता है अगर किसी पता चला तो हम को मरना पड़ेगा और हम किसी को मुहँ दिखने लायक भी नहीं रहंगे .
लेकिन अम्मी ने लंड अभी भी पकड़ रखा था .--  अम्मी का चेहरा लाल हो गया था , और मैंने उनकी गांड पर हाथ फिरना चालू कर दिया और जोर से दबाने लगा अम्मी कुछ नहीं बोल रही थी ,मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी तो मैंने अम्मी के होंठ चूम लिए और अम्मी भी मेरे होंठ चूमने लगी . फिर अम्मी ने मुझे हम्माम में ले गयी और मेरी झांटे बनाने लगी ,और मेरी गांड के बल भी साफ कर दिए और फिर बोली - ला राजा मैंने तेरे बाल बनाये मेरी बख्शीश तो दे. मैंने कहा - क्या चाहिए अम्मी .अम्मी बोली= तेरे अब्बू दो महीने से घर नहीं आये है और एक ओरत को क्या चाहत होगी राजा में एक मर्द चाहती हूँ .जो मुझे अपनी बाँहों में लेकर मुझे जन्नत की सैर कराये और खुद भी करे .में जान बुझकर अनजान बनते हुए बोला - अम्मी में समझा नहीं .
अब अम्मी से रहा नहीं गया और अम्मी बोली - राजा तू मादर चोद बनजा...चोद डाल अपनी अम्मी को और अम्मी ने अपना गाउन उतर दिया,अम्मी ने अंदर कुछ नहीं पहन रखा था और उनकी चूत एकदम साफ थी .अम्मी ने अब मेरा लंड चुसना चालूकर दिया मेरे मुंह से सिसकिया निकलने लगी और अम्मी के मुहं को जोर ससे चोदने लगा , दो ही मिनिट में में झड़ने लगा और अम्मी ने सारा पानी चाट डाला .अम्मी बोली - राजा तेरा तो काम हो गया मेरा क्या . में बोला अम्मी लाओ में भी तुम्हारी चूत चाट देता हूँ और बीस मिनिट बाद अम्मी ने भी अपना पानी निकाल दिया .अम्मी का पानी मेरे मुहँ में जा रहा था और में अम्मी की बुर को बुरी तरह से चाट रहा था तभी घर की घंटी बजी अम्मी ने अपना गाउन डाला और बाहर भागी .रजिया आपा आ गयी थी , अम्मी की अस्त व्यस्त हालत देख कर वो कुछ कुछ समझ गयी थी लेकिन वो बोली कुछ नहीं .थोड़ी देर बाद में गुसल से बाहर निकला और अम्मी से कहा - अम्मी कुछ खाने को दो ना अम्मी ने कहा आजा राजा में रसोई में गया तो देखा अम्मी ने अपने बूब गाउन से बाहर निकल रखे है और अम्मी बोली ले राजा खाले इनको में बोला आप कहाँ है अम्मी धीरे से बोली वो अन्दर अपने रूम में है ..फिर अम्मी के बूब दबाये और अम्मी ने मेरी सलवार के उपर
से मेरा लंड दबाया और फिर अम्मी ने मुझे चूमा और बोली -राजा तेरी आप कई दिन से बोल रही है की भाई जान नई मोटर साइकिल लाये है और अपनी आप को कहीं घुमाने नहीं ले गए है ..राजा आज आप को घुमाने लेजा ना में बोला लेकिन अम्मी अब तो राज सर आने वाले होगे
अम्मी बोली बेटा में उनको फोन कर दूंगी और आने के लिए मना कर दूंगी .
में समझ गया की अम्मी आज जरुर राज सर का लंड अपनी बुर में ले ही लेगी .!
आपा भी तैयार होकर आ गयी आप ने लाल रंग की सलवार सूट पहन राखी थी .!
आपको बता दू की मेरी आपा करीब 5.7'' की है और उनकी बॉडी एकदम सोनम कपूर जैसी है वो मुझसे एक इंच लम्बी है  और उनके बूब का साइज़ 32 है गांड करीब 30 की हैऔर आपा हमेशा ऊँची सेंडल पहनती है जिसकी वजह से जब वो चलती है तो उनकी गांड की हरकते देखने लायक होती है ,  मैंने अम्मी से कहा अम्मी कुछ पैसे तो दे दो ,आपा बोली हबीब चल पैसे मेरे पास है ,घर से निकल कर आपा से पूछा - आपा कहाँ चलना है .आपा बोली -हबीब मुझे बेंड स्टैंड लेकर चल. (बेंड स्टैंड मुंबई का एक फेमस एरिया है जहाँ एक लवर पॉइंट भी बना हुआ है जहाँ लड़के लडकिया खुले आम चुम्मा चाटी करते है .)मैंने बाइक चालू की और आपा मेरे पीछे बैठ गयी .;
 में मन ही मन बहुत ही खुश था की आज आपा भी कुछ न कुछ तो करेगी और कुछ देर बाद हम एक रेड लाइट पर रुके तो सामने एक पोस्टर लगा हुआ था ,कामसूत्र कंडोम काजिसमे फ्लेवर्ड कंडोम की एड की गयी थी .अब आपा ने एक हाथमेरे लंड से सटा दिया और मुझसे धीरे से बोली हबीब ये किस चीज का एड है.
में बुरी तरह से सकपका गया और कुछ भी बोल नहीं पाया तभी ग्रीन लाइट हो गयी और में आगे बढ़ गया ,आपा कभी कभी अपने बूब जोर से मेरी पीठ पर रगड़ ती थी कभी अपना हाथ मेरे लंड को छुआ देती थी .इन सब के कारण मेरा लंड बुरी तरह से खड़ा हो गया था और सलवार से साफ़ दिख रहा था__और इस हालत में हम बेंड स्टैंड पहुंचे दिन के करीब तीन बज चुके थे और वहां ज्यादा भीडभाडनहीं थी और हम लोग एक जगह बैठ गए , फिर आपा ने मुझसे कहा - हबीब मुझे तुमने बताया नहीं की वो एड किस चीज का था .
में तो गूंगा ही हो गया की क्या जवाब दूँ . आपा धीरे धीरे मुस्करा रही थी और वो बोलीचल जाने दे बाद में बता देना तू बता की राज सर तुमको अच्छा पढ़ाते है, ना ..!
मैंने कहा हां आपा तभी आपा ने सामने इशारा किया ..__________
सामने एक 45 साल का आदमी और एक करीब 20 साल की लड़की बैठे हुए थे और वो आदमी जोर जोर से उसकी चुन्चिया दबा रहा था और लड़की ने एक हाथ उस आदमी की पेंट में डाल रखा था .आपा बड़े गोर से उनको देख रही थी वो दोनों थोड़े से झाड़ियो में बैठे हुए थे और ज्यादा भीड़ न होने की वजह से वो मज़ा ले रहे थे आपा अपना एक हाथ अपनी चूत पर रखे हुए थी और धीरे धीरे चूत को सहला रही थी .--
फिर आपा ने मुझसे पूछा हबीब एक बात बोलू बुरा तो नहीं मानेगा,, मैंने कहा नहीं आपाजान ,आपा बोली कोलेज में तेरी को लड़की से दोस्ती है, मैंने कहा नहीं आपा , आपा थोड़े गुस्से में बोली तो क्या लडको से काम चलाता है, और हंसने लगी मेरी तो हालत ही ख़राब हो रही थी और मेरा लंड भी खड़ा हो रखा था ,आपा ने कहा चल सामने बैठते है सामने थोड़ी झाडिया थी वहां गए तो दिखा वहा पर तीन चार जोड़े और बैठे हुए थे और मस्ती कर रहे थे .
में आपा की तरफ देख रहा था आपा का चेहरा लाल सा हो गया था और उनकी सांसे लम्बी लम्बी चलने लग गयी थी , और आपा ने मेरा हाथ कास कर थाम रखा था . फिर एक कोने में हम जाकर बेठ गए आपा ने एक हाथ मेरे कंधो पर रख लिया कोई दूसरा देखता तो यही सोचता की लवर मस्ती कर रहे है.  आप की छातिया जोर जोर से उपर नीचे हो रही थी, और वो बार बार अपने होंठो पर जीभ फिर रही थी आपा के दिल की हालत का अंदाज मुझे भी हो रहा था,मेरे लंड से हल्का हल्का पानी चु रहा था और मेरा अंडर वेअर गीला हो चूका था. अचानक आपा ने कहा = हबीब तुमने किसी को चूमा है या नहीं .!मैंने कहाँ नहीं आपा आपने किसी को चूमा है आपा बोली नहीं भाई पर में ये जानना चाहती हूँ की चूमने में क्या मज़ा आता है क्या तुम मुझे चूम सकते हो ,
मेरे दिमाग में अब बुर का भुत घुस चूका था और मैंने कहा आपा क्यों नहीं और मैंने आपा को गालो पर चूमा , पर आपा बोली ऐसे नहीं हबीब लिप किस करो ना ,अचानक वहा भगदड़ सी मचने लगी मैंने आपा से कहा - आपा यहाँ से चलते है , आपा बोली की क्या हुआ यहाँ तो मजा आ रहा है , तभी सभी लोग वहां से भागने लगे हम भी वह से निकल आयें क्योकि
वहां पुलिसवाले आये थे फिर हम इधर -उधर घुमने लगे और फिर आपा ने कहाँ की चल कोई माल में चलते है वह थोड़ी सी खरीद दारी कर लेते है .
--मैंने टाइम देखा तो पुरे पांच बज गए थे , घर पर राज सर के आने का टाइम हो गया था , फिर हम एक माल में गए वहां आपा ने कुछ हल्का फुल्का सामान लिया और युहीं टाइम पास करने लगे .माल में एक दूकान थीजिसमे ब्रा और पेंटी ही मिलते थे आपा ने कहा चलो हबीब मुझे ब्रा लेनी है और आपा मुझे खिंच कर ले गयी वहा पर एकलड़की जो सेल्स गर्ल थी ने एक केट्लोग दियाऔरकहा - आप इस से ब्राऔर पेंटी पसंद करलो और मुझे साइज़ बता दो और आप अपने पति से भी पूछ लो .
में तो चोंक ही गया वो मुझे और आपाजान को मिंया बीबी समझ रही थी ..!
में कुछ बोलू की उससे पहले ही आपा बोल पड़ी= हां बहिनजी इन लोगो की ही वजह से ही इतने डिज़ाइन जो आते है फिर आपा मुझे लेकर बेठ गयी और केट्लोग से ब्रा और पेंटी देखने लगी और मुझसे पूछने लगी,,फिर आपा ने अपने लिए तीन सेट ख़रीदे पहला तो एकदम ही जोरदार था उसमे पेंटी इतनी सी थी की बस चूत ही छुपा सके और दुसरे में चूत और गांड की साइड पर छेद बने हुए थे. और तीसरी पेंटी जिप वाली थी ,सेल्स गर्ल बोली की आपके पति की पसंद तो लाजवाब है फिर उसने बील बनाया और इन सब के बीच में आपा और उस सेल्स गर्ल ( जिसका नाम बाद में पता चला आलिया था )दोनों के बीच दोस्ती हो चुकी थी और दोनों ने एक दूजे को अपना मोबाईल नो. भी दे दिया था जाते जाते आलिया ने मुझे कहा - जीजाजी आज कोनसी ड्रेस में दीदी को देखना चाहोगे मेरी मानो वो होल वाली ही पहनाना और आलिया और आपा जोर जोर से हंसने लगी ..!और फिर हम दोनों घर के लिए चल पड़े शाम के सात बज गए थे और अँधेरा सा होने लगा था ,में मन ही मन अम्मी और सर के बारे में ही सोच रहा था .क्या अम्मी ने सर से चुदवाया होगा
 रास्ते में आपा मेरे से एकदम सैट के बेठी हुई थी और वो अपनी चुचिया मेरी पीठ से दबा रही थी और आपा मुझसे बोली आलिया केसी लगी हबीब जोरदार थी न और उसका निकाह भी हो गया है और उसका शोहर भी सउदी अरब गया है साल में एक ही बार आता है और आलिया का मामे का लड़का ही है (हमारे समाज में चाचा मामा की लड़के लडकियों में रिश्तेदारी आम बात है )आलिया को तुम बहुत ही पसंद आये हो और वो हमारे घर आना चाहती है समझे कुछ भाईजान या आगे भी सब कुछ आपा को ही करना पड़ेगा और, आपा ने मेरी छाती कस कर दबादी आगे से छाती दबी और पीछे से आपा की चुचिया लगी मेरे लंड ने फिर सलामी देनी चालू कर दी .रास्ते में एक जगह थोड़ी झाडिया सी थी तो में बाइक रोक कर बोला की आपा में पेशाब कर के आता हूँ ,आपा ने कहा मेरे भी हाजत हो रही है हबीब मैंने कहा आपा आप कर आओ में यहाँ ध्यान रखता हूँ आपा बोली नहीं हबीब मुझे अकेले में डर लगता है .तुम साथ में आओ और आपा ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे खिंच लिया.-----
वहा आगे जंगल जैसा था में ने आपा से कहा आप यहाँ पेशाब कर लो में आगे जाता हूँ , लेकिन आपा बोली यही रहो हबीब कोई सांप आ गया तो . और आपा मेरे सामने अपनी गांड कर के मुतने लगी आपा की गांड बहुत ही गोरी थी और गोल मटोल भी था अचानक आपा मुड़ कर मेरी बाँहों में आ गयी और बोली की झाड़ियो में कोई है अजीब सी आवाजे आरही है आपा नीचे से नंगी ही थी ,-----
मुझे भी कुछ आवाजे सुनाई दी.लेकिन मेरी पेशाब के मरे बुरी हालत थी तो मैंने कहा आपा- जाने भी दो मुझे पेशाब करने दो आपा आपा बोली करलोना में अकेली कहीं नहीं जाउंगी ,मज़बूरी में मुझेआपा की तरफ उल्टा होकर पेशाब करने लगा और अचानक आपा ने मेरा लंड पीछे से थम लिया और बोली = हबीब तेरी आपा तुझसेचुदना चाहती है आज कितने इशारे किये तुझे फिरभी समझा नहीं .और आपा मेरे लंड कोहिलाने लगी .
तभी अन्दर से आवाजे आने लगी जैसे से करते हुए आती है में और आपा जंगल के थोडा अंदर गए और झाड़ियो के पीछे गए तो देखा की एक लड़का एक हिजड़े की गांड मार रहा था दोनों पुरे नंगे थे मैंने आपा से चलने को कहा तो आपा बोली देखते है हबीब मैंने कभी हिंजड़े की चुदाई नहीं देखी है.वो लड़का जो करीब 20 का था स्लिम सा था जोरदार धक्के लगा रहा था और हिंजड़ा करीब 40-45 का था, थोडा मोटा सा था घोडा बना हुआ था..!और जोर जोर से चिल्ला रहा था - डाल और जोर से डाल मार ले मेरी गांड ऊऊऊऊऊऊउ आआआआआआअ उहा उहा उहा उहा उहा आहा हाहा करीब बीस मिनिट तक ये चलता रहा और फिर उस लड़के ने अपना लंड गांड से निकाल कर हिंजड़े के मुंह में दिया
हलकी रोशनी में देखा की उसका लंड करीब 12'' का था और करीब 2.5'' मोटा था  एकदम गधे जैसा लग रहा था , मेरी तो आँखे ही जाम हो गयी और आपा तो पागल सी हो गयी
आपा की नजर उसके लंड पर टिकी हुई थी और हाथ मेरे लंड को कस कर पकडे हुए थे और आपा की सांसे भरी हो गयी थी .
उनका काम होने के बाद मैंने जल्दी से आपा का हाथ पकड़ा और घर की तरफ चल दिए , आपा रास्ते में बोली हबीब क्या किसी का इतना लम्बा भी होता है मेरे भाई कितना बड़ा था बाप रे . में तो देख कर ही डर गयी..! हबीब तेरा तो इतना तो बड़ा नहीं है ना भाई और आपा फिर मेरा लंड सलवार के ऊपर से सहलाने लगी .
थोड़ी देर में हम घर पहुँच गए ...!घर पर जाकर मैंने बेल बजायी करीब पांच मिनिट बाद अम्मी ने दरवाजा खोला अम्मी थोड़ी सी घबराई हुई थी और अम्मी की हालत बहुत ही ख़राब थी ,बाल बिखरे से थे और होंठ सूजे हुए थे गालो पर हलके से दांतों के निशान भी थे में डर गया और अम्मी से पूछा अम्मी क्या हुआ अम्मी ने कहा कुछ नहीं बेटा जरा सा पांव फिसल गया था...! आपा यह सुन कर हलकी सी मुस्कुरा उठी और बोली अम्मी क्या सर आये थे , अम्मी बोली नहीं रज्जो उनको तो मैंने फोन करके मना कर दिया था.
अम्मी बोली अंदर आ जाओ बेटा ,और फिर अम्मी ने हमको खाना लगा दिया और बोली रजिया आज तुम हबीब के साथ सो जाओ क्यूंकि मेरी तबियत ख़राब है और में सोना चाहती हूँ ,आपा ने कहा - ठीक है अम्मी , आप सो जाओ .अम्मी सोने चली गयी और में और आपा खाना खाने लगे और आपा मेरी तरफ देख कर मुस्करा रही थी और बोली हबीब उस लड़के को कितना बड़ा था बाप रे तेरे जीजू का इतना बड़ा हुआ तो में तो मर जाउंगी यार ,
और पता नहीं क्या होगा हबीब मुझे तो बहुत ही डर लग रहा है..! तभी अम्मी की आवाज आई -रजिया बेटा जरा पानी तो ला दे ..!
 अम्मी को रजिया आपा पानी लेकर अम्मी के कमरे में गयी और वो पांच मिनिट तक नहीं आई तो मेरे मन में शक आया और में भी दबे कदमो से अम्मी के कमरे की तरफ गया और अपने कान दरवाजे से लगाये .अंदर आपा अम्मी सेपूछ रही थी - अम्मी तुम भी पागल हो जाती हो राज सर से आज ही गांड मराने की क्या जरुरत थी देखो तुम्हारी गांड कितनी खुल गयी है थोड़ी बरफ ला देती हूँ लगा लो ठीक हो जाएगी .अम्मी बोली - हां तुम्हे तो पता ही है की गांड मराने के बाद क्या होता है ...और दोनों ही हंस पड़ी फिर अम्मी ने पूछा तेरा भी कुछ हुआ रज्जो या यूँ ही घूम कर आई हबीब के साथ और क्या लायी है
आपा बोली -अम्मी मेरा अभी तो कुछ नहीं हुआ है पर आज रात को हबीब से जरुर ही चुदवा लुंगी ..(मेरा लंड खड़ा होने लगा था ) फिर आपा ने अम्मी को हिंजड़े वाली बात बताई तो अम्मी भी कह उठी बाप रे इतना बड़ा लंड था उसका रज्जो बहुत ही जोरदार मज़ा आता है बड़े लंड से तुमको तो पता ही है ना बेटी जा अब सो जा और कल आराम से उठाना क्यूंकि कल सन्डे है आज चुदवा ले अपने भाईजान से मेरी बिटिया मना ले सुहागरात भाईजान के साथ ........दोस्तों फिर में जल्दी से अपने कमरे में आ गया , और लुंगी (तहमद ) पहिन ली सोते समय में लुंगी ही पहनता हु..!आपा रूम के अंदर आ गयी और बोली भाईजान आलिया ने क्या कहा था याद है में वो छेड़ वाली पेंटी पहन कर आई हु.और आपा मुझसे लिपटने लगी मेरा लंड तो खड़ा था ही आपा ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली भाईजान आपसे एक बहुत ही बड़ी सिकायत है. आप अपनी अम्मी और आपा का कोई ख्याल ही नहीं रखते हो ...!
मैंने कहा नहीं आपा ऐसी कोई बात नहीं है ,तो आपा बोली हबीब में 22 साल की हो चुकी हूँ , और देखो शबाना (मेरे चाचू की लड़की ) जो खाली 19 साल की है उसका निकाह भी हो चूका है ,और वो पेट से भी हो गयी है ,और एक तेरा आपा है ,,जो अपने अरमानो को दफ़न कर के बेठी है , और हमारी अम्मी कितना परेशां रहती है ,अब्बू तीन महीने में एक ही बार आते है, वो भी खाली दस दिनों के लिए अम्मी को भी कुछ चाहिए ना हबीब वो भी तो तरसती है ,किसी के लिए और तू जो इस घर में एक ही मर्द है किसी की भी मदद नहीं करता है , अगर तेरी आपा या अम्मी किसी बाहर वाले से चुदवा ये तो क्या तुमको सहन होगा ...!
आपा की इस बात से मुझे गुस्सा आगया और में बोला नहीं आपा अब में ऐसा नहीं होने दूंगा और आपा को दबोच लिया और आपा के होंठो को अपने होंठो से चूमने लगा और आपा भी मुझे चूमने लगी.और आपा ने मेरी लुंगी खींच ली लुंगी खुलते ही लंड एकदम से खड़ा हो गया और में भी अब आपा की चूत में अपना लंड डालना चाहता था और सेक्स की गहराईयों में उतरना चाहता था ...!आपा बुरी तरहा से मुझे चूम रही थी चूम क्या काट रही थी...! और बडबडा रही थी हबीब चोद डाल मुझको मुझे लंड की बहुत ही प्यास लगी है और में लंड के लिए बहुत ही बेकरार हूँ...!भाई - आहा आ जाओ और फाड़ दो अपनी आपा की बुर हया शर्म छोड़ कर बहिन चोद बन जा ओ भाई आहा हा हा सिसिसिसिसी आआआआआ मुहान्न हहहः ऊऊऊऊउ हबीब आजा नाऔर अब आपा ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और आपा मुझपर सवार हो गयी और आपा ने जल्दी से मेरा खड़ा लंड अपनी चूत में दल लिया और खूब ही झटके मारने लगी..
और मुझे बुरी तरहा से चूम रही थी और जब मेरा लंड आपा की चूत में गया तो में तो जैसे हवा में उड़ने लगा किसी चूत में पहली बार लंड डाला था वो भी आपा की चूत में में सुबह से ही गरम हो रखा था ,,,,,!और करीब दस ही मिनिट में में झड गया आपा ने उठ कर मेरा लंड पूरी तरहा से साफ़ कर दिया और बोली वह रे मेरे बहिन चोद भाई आज तो मज़ा आ गया और अब थोड़ी देर बाद हम फिर सेक्स करेंगे बीब .
मेरी हालत बहुत ही अजीब थी मैंने अब पहली बार आपा की चूत को देखा वहां एक भी बाल नहीं था और लाल लाल छेड़ बहुत ही मस्त लग रहा था आपा की चूत अम्मी से भी अच्छी लग रही थी मेरे से रहा नहीं गया और मैंने आपा की चूत में अपनी जीभ घुसा दी अब आपा बुरी तरहा से कर रही थी और चिल्ला रही थी - बहनचोद साले चाट ले अपनी आपा की बुर और मस्त भोसदा बना डाल इसको अपनी बहिन की चूत को फाड़ डाल
और अपनी अम्मी का दामाद बन जा कुते hhhhhhhhhhhhhhh आआआआआ आहा आहा हा ऊऊओ अल्ल्लाह आया आ आ अ अ आ आ
और आपा ने मेरे मुहँ में अपना पानी गिरा दिया ,,,फिर करीब एक घंटे बाद फिर हमने जोरदार चुदाई का मज़ा लिया और फिर रात को करीब तीन बजे हम दोनों नंगे ही सो गए ...
सुबह अम्मी ने आकर मुझे जगाया तो में उठा सुबह के नो बजे थे आप अभी भी सो ही रही थी में उठ कर खड़ा हो गया और अम्मी से चाय लेन को कहा तो अम्मी हंसने लगी ,मेरी समझ में कुछ नहीं आया फिर अम्मी से पूछा क्यों हंसती हो अम्मी तो अम्मी ने बोला कुछ नहीं चल यहाँ आप को सोने दे तू रसोई में चल में तुम्हे चाय पिलाती हूँ .
और में और अम्मी रसोई में आ गए और अम्मी धीरे से बोली - मेरा राजा रात किसी कटी और वो मुस्कुराने लगी में झेंप कर निचे देखने लगा और मेरी तो गांड ही फट गयी में तो एकदम ही नंगा थाअब में अम्मी की तरफ देखकर बोला अम्मी में तहमद डाल कर आता हूँ . अम्मी बोली - आपा के साथ तो नहीं डाला रे मेरे रजा और अम्मी ने मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया ,अब मेरी हालत बहुत ही ख़राब थी दोस्तों मन मचल रहा था और लंड भी खड़ा हो गया था फेसले का वक्त आ गया था और में अब अम्मी की चूत में अपना लंड डालने की तैयारी
करने लगा की चाय उबल कर गिरने लगी अम्मी ने जल्दी से चाय छानी और मुझे दे दी .
मैंने कहा अम्मी आप चाय नहीं पीयेगी अम्मी बोली राजा तू चाय पी में कुछ और पियूंगी
और अम्मी ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी
 अम्मी मेरा लंड बहुत ही अच्छे से चूस रही थी और में जन्नत की सैर कर रहा था की अचानक आपा रसोई में आ गयी और बोली अम्मी तुम भी सुबह सुबह ही चालू हो गयी हबीब रात को दो बार झडा था,बेचारा थक गया होगा . आपा भी मादर जात नंगी थी और वो अम्मी की चुचिया दबाने लगी .और अम्मी मेरा लंड चूसने के साथ मेरी गांड में एक अंगुली से खुजा भी रही थी मेरी हालत तो ऐसे थी की पूछो ही मत आपा अम्मी की चुचिया भी दबा रही थी और अम्मी की चूत में हाथ भी डाल रही थी और अचानक आपा का मोबाइल बजने लगा और आपा चली गयी.में और अम्मी थोड़ी ही देर में अपना अपना पानी नक़ल कर फ़ारिग हो गए और फिर अम्मी बोली की जाकर नहा ले राजा और में नहाने चला गया और नहाने के बाद जब में अपने रूम में आया.तो देखा की आपा वहा पर बेठी है और आपा बोली - हबीब आलिया का फोन था वो अपने जीजू यानी तुमसे चुदाना चाहती है और वो लगभग एक घंटे में यहाँ आ जाएगी अम्मी भी ये सब सुन रही थी अम्मी बोली - मेरे राजा अम्मी को मत भूल जाना इन नयी नयी चुतो के चक्कर में और अम्मी और आपा दोनों ही जोर से हंसने लगी ...
 मेरी जिन्दगी का ये बहुत ही अच्छा वक्त था दोस्तों हर तरफ चुतो की बहार थी और मेरे लंड की किस्मत चमक रही थी . इन सब के बीच घर का फोन बजने लगा अम्मी ने फोन उठाया लाइन पर अब्बू थे और वो तीन दिनों बाद आने वाले थे .में मन ही मन सोचने लगा की अब्बू आयेंगे तो अम्मी को तो अब्बू ही चोदेंगे.और में आराम से आपा की चूत में अपना लंड डालूँगा.
 दोस्तों मैंने अभी तक अम्मी की चूत में लंड नहीं डाला था...!पता नहीं क्यों मेरा दिल नहीं मानता था की में अपनी ही अम्मी की चूत में लंड डालू और में अब आलिया के बारे में सोचने लगा की आपा और अम्मी दोनों ही मेरे रूम में आ गयी....!
 और आपा ने मुझसे कहा हबीब मेरे भाई आलिया को पता नहीं चलना चाहिए की हम भाई और बहिन है और ये हमारी अम्मी है .
मैंने अम्मी को समझा दिया है आलिया के सामने में तेरी बेगम हूँ और अम्मी हमारी नौकरानी है जो की सब जानती है आलिया को सेक्स का बहुत ही शोक है और वो लंड की दीवानी है .
तो भाईजान शायद हम सब ग्रुप सेक्स का मज़ा ले .
मेरे दिमाग में एक बात आई की आपा सेक्स के बारे में इतना कैसे जानती है
और आपा ने किस किस से चुदा रखा है .अम्मी की आवाज आई -रजिया जरा यहाँ तो आ ना, आपा अम्मी के रूम में चली गयी पता नहीं क्यों मेरा दिमाग अंदर से बोल रहा था की कुछ तो है और में अम्मी के रूम पर दरवाजे पर चला गया और आपा और अम्मी की बातें सुनने लगा .
आपा - क्या है अम्मी बोलो ना .
अम्मी - रज्जो मेरी जान ये आलिया कौन है और ये वो तो नहीं है ना ...
आपा - अम्मी आपको तो पता है ना की में वो सब छोड़ चुकी हूँ और अब सिर्फ घर में ही सेक्स करती हूँ.  मेरा दिमाग तो पता नहीं कहाँ था और कोई बात मेरी समझ में नहीं आ रही थी.फिर में अपने रूम में आ गया और रूम में आपा की पेंटी पड़ी हुई थी जो आपा ने रात को पहनी थी
आपा की काले कलर की पेंटी जिसमे आगे और पीछे दो होल थे, जिससे आप बिना पेंटी उतारे ही गांड और चूत चोद सकते हो.. .!!
को उठा कर मैंने हाथ में लिया रात की याद फिर से ताज़ा हो गयी और मेरे सामने आपा की रसीली और मदमस्त चूत नाच उठी ....
और मेरा हाथ फिर से अपने लंड पर पहुँच गया ...!
और में अब सोचने लगा की कइसे दो दिन में ही सब रिश्ते और नाते बदल गए थे....!
आपा और अम्मी अब मेरे लिए ओरते बन चुकी थी, और जिस्मानी आग में जल कर अपनी सगी बहिन को चोद चूका था और अपनी अम्मी जिसकी चूत से मैंने दुनिया में कदम रखा था उसी चूत को हवस से चाट चूका था और जल्दी ही शायद चोद भी दूँ.
मेरे दिमाग में कुछ अजीब सी टेंसन हो गयी में सोचने लगा कहीं अम्मी और आपा और लोगो से तो नहीं चुद्वाती है और अम्मी और आपा आपस में क्या क्या राज की बातें छुपा के रखी हुई है ....!!!
 और कहीं इन सब बातो का बाहर वालो या अब्बू को पता लग गया तो क्या होगा ये सोच कर में परेशान हो गया और मेरा लंड अचानक ही मुरझा गया ....!
और में अम्मी के कमरे की तरफ गया अम्मी और आपा बेड पर बेठी थी और अम्मी ने आपा के बूब दबोच रखे थे ..!मुझे देख कर अम्मी बोली आओ आओ मेरे दामाद जी मेरी बेटी को सारी रात चोदते रहे हो और कंडोम भी नहीं लगाया .. और अम्मी और आपा हंसने लगी ..!
मुझे याद आया की कंडोम तो सचमुच नहीं लगाया था ...मैंने अम्मी से कहा अम्मी अब क्या करेंगे अम्मी बोली की कोई बात नहीं बेटा अभी तो आय - पिल ले लेगी बाद में
माला -डी लेना शुरू कर देगी.#तभी आपा का फोन बजा और आपा ने उठाया फोन आलिया का था ,वो पूछ रही थी की घर में शहद है या नहीं अम्मी ने कहा है,,, तो आपा ने आलिया को हां कह दिया और पूछा की कब आओगी आलिया ने कहा एक घंटा लग जायेगा आपा ने कह ओके और फोन काट दिया ..!अम्मी ने आज सलवार सूट पहन रखा था और आपा ने एक फ़्रोक जैसे ड्रेस पहन रखी थी जिसमे आपा बहुत ही सुंदर लग रही थी .
अम्मी बोली रज्जो बेटी ये आलिया तुमसे एक ही बार मिली और चुदवाने की बातें करने लगी बात क्या है ....?आपा - अम्मी उसका शोहर बाहर में रहता है और वो बहुत ही चुदासी हो गयी है कल जब उसने भाईजान को देखा तो उससे रहा नहीं गया और अब उसकी चूत लंड के लिए तड़फ रही है ...अम्मी तुम तो अच्छेसे वाफिक हो की जब ओरत को दो महीने लंड ना मिले तो ओरत की हालत क्या होती है और वो क्या क्या कर बैठती है...! औरआपा जोर जोर से हंसने लगी .
 अम्मी भी हंस रही  ,अम्मी बोली लेकिन रज्जो ये आलिया पहली ही मुलाकात में इतनी केसे खुल गयी की सीधे ही तेरे शोहर का लंड मांग लिया .
आपा बोली अम्मी आज के जमाने में लडकिया अब आगे बढ़ चुकी है और वो पढ़ी लिखी भी है और तो और अम्मी उसके शोहर ने उसे कह रखा है की जब चूत की खुजली सहन न हो तो किसी अच्छे और शरीफ लंड से चुदा लेना और तो और अम्मी आलिया और उसका शोहर ग्रुप सेक्स भी कर चुके है अम्मी- ये ग्रुप सेक्स क्या होता है , आपा - अम्मी जब चार पांच लोग एक साथ सेक्स करते है तो उसे ग्रुप सेक्स कहते है ..!अम्मी बोली रज्जो इसमें तो बड़ा ही मज़ा आता होगा ना ...? आपा बोली = हाँ अम्मी बहुत ही मज़ा आता है और जब आप दुसरे की चुदाई देखते हो तो और भी मज़ा आता है ,,अम्मी = अल्लाह कभी कभी में सोचती हूँ रज्जो ये फोरेन वाले कितना मज़ा लेते है तेरे अब्बू एक DVD लाये थे, जिसमे करीब बीस जोड़े खुले में सेक्स कर रहे थे और मस्ती भी कर रहे थे .और अब्बू ने बताया की वह के शेख लोग दो दो या तीन तीन बीबिया रखते है और उनके लिए वो अंग्रेजी लडको को बुलाते है तभी आपा ने कहा अम्मी एक बात बताओ की कल जब मेरी शादी हो जाएगी और बाद में हबीब की भी शादी हो जाएगी तो क्या तुम अपनी जिस्मानी जरूरते कइसे पूरी करोगी अम्मी गहरे सोच में डूब गयी और सोचने लगी तभी आपा बोली अम्मी इसी घर में हबीब अपनी बीबी को अपना लंड का मज़ा देगा और में अपने शोहर की बाँहों में मस्ती लुंगी तो तुम्हारा क्या हाल होगा अम्मी .अम्मी गुमसुम सी हो गयी और वो सुबकने लगी और अम्मी ने आपा को अपनी बाँहों में भर कर कहा मेरी बच्ची क्या करू में तेरे अब्बू तो खाली साल में बीस बार ही ठंडा कर पाते है .मुझको और तू जानती ही है की मेरी छुट में कितनी खुजली होती है .में यह देख कर हेरान भी था और अम्मी के लिए परेशां भी था . आपा ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा = हबीब मेरे भाई हमारी अम्मी ने हमको नो महीनेअपनी कोख में रखा है और कितना दर्द सह करबहार की दुनिया दिखाई है क्या अम्मी के बारे में हमारा कोई फ़र्ज नहीं बनता है तुम ही बताओ ना अब्बू तीनमहीने में दिन ही आते है, और चले जाते है अम्मी की चूत में आग लगी रहती है उसको भीकोई चाहिए . और बेचारी अम्मीसारी रात केसे निकले ..में बोला आपा आप ही बताओ की हम क्या करे , आपा बोली - हबीब आज हम कसम खाते है की अम्मी की जिस्मानी जरुरतो को हम हर हालात में पूरा करेंगे और पहले अम्मी की हवस को पूरा करेंगे VADA करो भाई ,मैंने वादा किया और अम्मी ने खड़े होकर हम दोनों को गले से लगा लिया और बोली - अल्लाह सब को एसी ही ओलादे दे जो अपनी अम्मी की हर जरुरत को पूरा करे और अम्मी ने मेरा मुहँ चूम लिया और बोली बहिन की चूत मिल गयी,अब अम्मी का क्या करोगे राजा और अम्मी ने मेरा लंड पकड लिया में कुछ बोल पाता की आपा ने मेरा तहमद खोल लिया और मेरी गोलिया चूसने लगी और अम्मी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे लंड पर बेथ गयी जबकि आपा मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ने लगी मुझे ऐसा एहसास कभी नहीं हुआ था मेरा लंड अपनी अम्मी की चूत में था और मेरी जीभ आपा की चूत में थी और फिर तूफ़ान आया . जिस्मो की आग ने फिर एक बार रिश्तो को ताक पर रख दिया'' और हवस अपना खेल खेलने लगी और करी बीस मिनिट बाद मेरा पानी छुट गया जो अम्मी की चूत में चला गया और थोड़ी ही देर में आपा भी मेरे मुंह में ही झड गयी और इस तरह में ने पहली बार अम्मी की चूत में अपना लंड डाला .''रजिया आपा की मस्त जवानी केसी लगी दोस्तों और बूब की तारीफ भी करा मत भूल जाना ,आगे तस्वीरे आएगी अम्मी और आपा के लेस्बियन सेक्स की कोंन कोंन देखना चाहता है इनको कोमेंट करते रहना अभी बहुत कुछ बाकि है मेरे दोस्तों इस गरमा गरम चुदाई के बाद में तो वही अम्मी के बिस्तर पर ही सो गया और करीब एक घंटे बाद मुझे अपने लंड पर कुछ लगा तो मेरी नींद टूट गयी,सामने आलिया खड़ीथी...! और वो मेरे लोडे पर अपना हाथ फिर रही थी में चोंक ही गया और उसकी तरफ देखा , उसने जींस और कुरता पहन रखा था...,और वो स्लिम सी एकदमकरिश्मा कपूर सी थी और उसने लाल कलर की लिपस्टिक लगा रखी थी और उसकी नशीली आँखे तोगजब ही ढा रही थी में टक टाकी बांध कर उसे ही देखने लगा तभी मुझे ध्यान आया की मैंने कुछ भी नहीं पहना है तो मैंने चादर खिंच ली...!
तभी आलिया बोली = वाह जीजू क्या चीज छुपा रखी है आपने रजिया जीजी को तो जन्नत ही मिल गयी है
और आलिया ने मेरा लोडा पकड़ लिया और बोली वाह जीजू
क्या साली ऐसे ही बना लिया जानते नहीं हो की साली भी आधी घर वाली होती है और जब अल्लाह ने आपको ऐसा सामान बख्शा है तो उसको दुसरो को भी बांटो इसी में बरकत है ,तभी रजिया भी अंदर आ गयी ,------रजिया अंदर आकर बोली = आलिया देख लो तेरे जीजू को कितने बदमाश है दिन में भी नहीं छोड़ते है..! (आलिया के सामने हम शोहर और बीबी थे , और हमारी अम्मी नोकरानी थी )
जब भी मोका मिलता है तो मुझे थोक ही डालते है में तो इनसे परेशान हूँ,,,!आलिया ने जवाब दिया - रजिया तू पागल है दिन रात चूत की शिकाई होती रहे,,इससे ज्यादा एक ओरत को क्या चाहिए और तुम्हे तो अपने शोहर पर फख्र होना चाहिए की,वो तुम्हे पूरा तुप्त करता है , एक मेरा शोहर है जो खाली फोन से ही बातें करता है,,और साल में एक महीने ही आता है'उसमे भी चुदाई कम करता है मेरी चूत की खुजली मुझे इतना तंग करती है..
की क्या बताऊ कभी कभी तो ख्याल आता है..,की मेरे ससुर से ही चुदा लूँ..,लेकिन किसी तरहा मन को काबू में करती हूँ रजिया तेरी खुश नसीबी है की तुझे रोजाना लंड मिलता है .घर पर मेरे ससुर जब रात को सास की चूत बजाते है,, और बाजु के कमरे में में जब सास की कराहे और सिसकिया सुनती हूँ,,,तो मेरी चूत में चींटिया काटने लगती है,और कभी जब माल में कोई अच्छा लड़का दीखता है,,जीजू जेसा तो मुझसे रहा नहीं जाता और फिर चूत की शिकाई इससे करनी पड़ती है ,,ये कहकर आलिया ने अपने पर्स से एक प्लास्टिक का लंड करीब 8''inch का था निकाल के दिखाया ....रजिया उसे हाथ में लेकर देखने लगी और बोली
आलिया ये कहाँ से आया तेरे पास आलिया बोली मेरी अम्मी ने दिया था और बोली थी बेटा जब तेरा शोहर तेरे पास नहीं हो और निचे खुजली हो रही हो
तो इससे बुझा लेना .में ये सुन के चोंक ही पड़ा .
तभी रजिया बोली आलिया इसमें और भी साइज़ आते है क्या और ये कहाँ मिलता है आलिया बोली हां सब साइज़ आते है मेरी अम्मी ने तो 12inch का ले रखा है,जब भी अब्बू बाहर जाते है तो अम्मी उसी से काम चलती है और आलिया हंस पड़ी...!!!!!
में पूरा नंगा ऐसी बातें सुन कर ताव में आ गया और मेरा लोडा फिर बड़ा होने लगा'की अम्मी की आवाज आई रजिया खाना कितने लोगो का बनाऊ और रजिया बाहर चली गयी . और आलिया मेरा लंड पकड़ कर मुझे चूमने लगी और हम एक दुसरे को चूमने लगे और जिस्मो को रगड़ने लगे ...!!!-----तभी आलिया अंदर आ गयी और हमें देख कर बोली क्या बात है बहिन के लंड पर ही डाका डाल रही है आलिया ,आलिया बोली - एक बहिन ही दूसरी बहिन के काम आती है और क्या तू यह चाहती है की में अपनी जवानी की आग किसी ऐरे गेरे से बुझाऊ,और रजिया तेरी नोकरानी तुम दोनों को नाम लेकर बुलाती है क्या ,रजिया ने जवाब दिया - अरे आलिया यार क्या बताऊ तुम्हे तेरे जीजाजी एक नम्बर के चुद्द्कड़ है में कभी मायके जाती हूँ तो ये हाथ से काम चलाते है, और ऐसे ही एक दिन नोकरानी ने इनको देख लिया और फिर तेरे जीजू ने उसको भी छोड़ डाला अब तो वो हमारी राजदार भी है और तेरे जीजू की रखेल भी है ,आलिया हंसने लगी और बोली लेकिन वो उम्र में तो तेरी सास जेसी लगती है रजिया ...!
रजिया ने जवाब दिया तो क्या हुआ जिस्म की आग कहा ये सब देखती है और और वो दोनों फिर हंसने लगी ..
आलिया बोली -तेरी नोकरानी का नाम क्या है रजिया ,,रजिया ने कहा - नजमा ,,तो आलिया चोंक पड़ी और बोली क्या यही तो मेरी सास का नाम है यार ,,मेरी सास तो एक नम्बर की हरामी है ,,और जवानी में खूब चूत को रगड़ वाया था उसने लोग एसा कहते है रजिया ..!
आलिया बोली - जीजू अब रहा नहीं जाता है एक बार तो अपना सामान डाल दो ना मेरी चूत में प्लीज जीजू अल्लाह आपको सलामत रखेगा,,मेरी चूत आपको बहुत ही दुआए देगी और आलिया ने अपने मुंह में मेरा लंड भर लिया और चूसने लगी और आपा भी मैदान में आ गयी ...!!!
आपा आलिया के कपडे उतारने लगी और बेड पर आ गयी में बेड के किनारे पर बेठा था, आलिया मेरे लंड पर झुकी हुई थी और आपा उसकी पेंट उतार रहीथी फिर आपा ने उसकी टीशर्ट भी उतार दी ,में आलिया की नंगी जवानी देखने लगा , उसकी चुचिया करीब 32'' की थी और लाल ब्रा में बहुत ही हसीन लग रही थी ,आलिया का बदन अकदम चिकना था और फिर मैंने उसके बूब दबा डाले तो आलिया सिस्याने लगी और बोली जीजू क्या करते हो इतने जोर से नहीं दबाओ ना
और मैंने उसकी ब्रा उतार दी और पेंटी की तरफ हाथ बढाया तो आलिया बोली जीजू क्या अपनी साली को चूत दिखाई नहीं दोगे ,,मैंने कहा क्या चाहिए बोलो .... आलिया ने कहा जीजू ये उधार रहा मुझे जब जरुरत होगी आपसे मांग लुंगी और फिर मैंने आलिया की पेंटी उतार दी ,पेंटी उतेरते ही जो नजारा दिखा में तो पागल ही हो गया
छोटी सी लाल लाल उभरी हुई चूत और हलकी हलकी झांटे वह क्या चूत थी .
अल्लाह सचमुच मुझ पर मेहर बान था ,, मेरे मुंह में पानी आ गया और में ने अपना मुहं आलिया की चूत की तरफ बढ़ा दिया ,,और मेरी जीभ अपना रास्ता खोजने लगी और मुझे वो जन्नत का दरवाजा मिल ही गया नमकीन सा और खट्टा सा स्वाद आ रहा था और कोई डियो की खुसबू भी आ रही थी ,,और में अपना मनपसंद टोनिक चाटने लगा आपा भी अब मेरे पीछे आ गयी और मेरी गांड पर अपनी चूत रगड़ने लगी और मेरे बूब को दबाने लगी ,अचानक आलिया बोली - रजिया जरा शहद तो लाओ ना .
मेरी कुछ समझ में नहीं आया लेकिन में आलिया की चूत चाटने में लगा रहा . रजिया शहद ले आई और आलिया ने मुझे खड़ा किया और मेरे लंड और गांड और मेरे गालो पर शहद लगा दिया ...!!! और रजिया के साथ भी यही किया फिर खुद भी लगा लिया और बोली आओ जीजू अब चाटो और देखो कितना मजा आता है . और वो मेरे लंड को मुंह में लेने लगी मेरा लंड अपने पुरे साइज़ में आ गया था और झटके खा रहा था ...! में आपा के बूब चाट रहा था आलिया की जीभ मेरे लंड के छेड़ पर घूम रही थी ...!!!
और वो मेरी गोलियाभी हलके हलके दबा रही थी फिर वो अपनी एक अंगुली मेरे गांड के छेड़ पर फिराने लगी और में मस्ती की दुनिया में खोरहा था फिर आलिया और रजिया ने मुझे बेडपर लिटा दिया और आलिया मेरे उपर आ गयी और बोली आओ जीजू अब असली काम करो और आलिया ने अपनी चूत को मेरे लंडपर रख दिया..!
उसकी चूत के अंदर एक अलग ही अहसास था और कशिश सी थी और वो बार बार अपनी चूत को भींच रही थी और उसने अपने होंठ मेरे होंठो से सिल लिए थे और फिर चुदाई का दोर चालू हो गया . धक्के पर धक्का लग रहा था और वासना की नयी दास्ताँ लिखी जा रहीथी और करीब दस मिनिट में मेरा लावा आलिया की चूत में समां गया और तुरंत ही आलिया भी झड गयी ....
 और फिर अम्मी की आवाज आई रजिया खाना बन गया है पहले खाना लगादुं या चाय कोफ़ी लाऊ...?
रजिया ने कहा कोफ़ी ले आओ नजमा (आपा ने जब अम्मी को नाम से पुकारा तो मुझे अजीब सा लगा ) दस् मिनिट में अम्मी कोफ़ी लेकर आई अंदर हम तीनो नंगे ही थे ,
 आलिया की तरफ अम्मी गौर से देखने लगी और बोली .
बेटी एक बात पुछू तेरे से आलिया बोली हा हा जरुर ..!
अम्मी ने कहा - तेरी चूत देख कर लगता नहीं है की तुम शादी शुदा हो क्योंकि शादी होने के बाद जब रोजाना चुदाई होती है
तो चूत काली होने लगती है ,,, आलिया बोली नहीं चाचिजान बात यह है की मेरे शोहर जो मेरे मामा का ही लड़का है ...!
 जब में की थी तब मुझसे चुम्मा चाटी करता था, तब में सेक्स के बारे में इतना जानती नहीं थी और ऐसे ही एक दिन वो हमारे घर में आया घर में कोई नहीं था और वो मुझसे छेड़ छाड़ करने लगा और मेरे शरीर के अंगो को दबाने लगा , चाची में भी उतेजित हो गयी और फिर उसने मुझे नंगा कर दिया और मेरी चुचिया चाटने लगा , पहली बार मुझे ये अहसास हो रहा था चाची में भी वासना में बेबस हो गयी . और मैंने अपने आप को उसको सोंप दिया ...!
वो मेरे मुंह को चूम रहा था और मेरी चूत को अपने हाथो में भर रहा था फिर उसने मुझे वहीँ आँगन में ही लेटा दिया और मेरे उपर चढ़ने लगा की अचानक अम्मी और अब्बू आ गए और हमें पकड़ लिया , अम्मी ने मुझे मारा, लेकिन अब्बू बोले रहने दो, दो आलिया की अम्मी इसमें लड़की की क्या खता है ...! फिर उन्होंने शाहिद( आलिया का पति ) के अब्बू यानि मेरे मामाजान को घर बुलाया और ये सब बता दिया फिर सबने फेसला किया और हमारी शादी करवा दी .
 और में शाहिद की बीबी बन गयी तब में सिर्फ 18 साल की ही थी ..! और चाची मेरी चूत में सिर्फ एक ही अंगुली डाला करती थी , सुहागरात के दिन मेरे कमरे में शाहिद आये और दरवाजा बंद कर लिया और मेरे पास आ गए और मुझे मुंह दिखई दी.
और फिर मुझे नंगा करने लगे में सेक्स के बारे में इतना नहीं जानती थी चाची और फिर वो मेरी चूत पर अपना लैंड जो करीब 6.5''inch का था .मेरी कुंवारी चूतमें डाल दिया और करीब पांच ही मिनिट में झड गए और फिर वो सो गए ..मुझे मज़े का अहसासतो हुआ लेकिन वो चरम सुख नहीं मिला था चाची एक महीने तक वो मुझे चोदते रहे और एक महीने के बाद वो अरब चले गए नोकरीकरने ..में घर पर एकदम हीबोर होने लगी और में एक दिन अम्मी के घर गयी और उनसे यह सब बताया...!! की अचानक मेरी सहेली शिल्पा जो मेरी पड़ोसन भी थी .हमारे घर आ गयी
उसने यह सब सुन लिया वो अम्मी से बोली - चाची जान मेरी मानो तो आलिया को मेरे साथ काम लगादो वह इसका दिल भी लगा रहेगा और कुछ कमा भी लेगी.
और आप तो जानती ही हो आजकल माल में ज्यादा काम वाम भी होता नहीं है और पगार भी अच्छी मिलती है ....!!!लेकिन अम्मी बोली - शिल्पा इसके अब्बू माने तब ना, इसके ससुर को तो में मना लुंगी(वो अम्मी के भाईजान ही तो थे ) ..!!
तभी अब्बू आ गए और शिल्पा ने अब्बू के आगे यह बात छेड़ दी अब्बू ने हां करदी में बहुत ही खुश थी और शिल्पा से लिपट गयी .

गावाकडचा रोमान्स - marathi sex stories

आज गावातील देवाची यात्रा होती. त्यामुले खुप गर्दी होती परन्तु आज थोड़े उदास वाटत होते. त्यामुले उठलो थोड़े तोंड धुतले व् फिरायला निघालो. गावाचे बाहर पाळने आले होते व् परिसर गर्दीने फुलून गेला होता. मि थोड़ा वेळ तिथे एकटाच फिरलो व अचानक एक चित्रपटाचे पोष्टर दिसले व् चित्रपटाला जाण्याचे ठरवले अजुन अर्धातास होता तेवढ्या वेलात जेवन उरकले व् बरोबर 5-४५ वाजता चित्रपट गृहात पोहचलो मला कोर्नर शिट मिलाली होती मि तेथे जाऊंन बसलो काही वेलात एक मुलगा व् दोन मुली तिकिटावरील नंबर शोधत आले व माज्या शेजारीच बसले मज़े शेजारी एक मुलगी त्याचे शेजारी एक मुलगी व् त्याचे पलिकडे तो मुलगा बसला त्याचे शेजारी पलिकडे तिन चार मुले बसल्यामुले त्याचा नाईलाज झाला होता काही वेळात चित्रपट सुरु झाला व तो मुलगा त्याचे शेजारी बसलेल्या मुलीशी चाळे करू लागला हे अंधारात थोडे अन्धून दिसत होते त्यांमुळे माझे शेजारची मुलगी गरम झाल्याचा भास मला होत होता मी थोडी डेरिंग करण्याचा विचार करत होतो व मी माझा कोपर हळूच तिच्या हाताला चीटकवला तिची कुठलीही हालचाल झाली नाही तसा मी माझा कोपर अधिक तिच्या हाताला चीटकवला तरीही ती काही बोलली नाही त्यामुळे मला थोडा धीर आला तो पर्यंत तिच्या शेजारच्या मुलीवर त्या मुलाने चुम्बनाचा वर्षाव केला होता व चित्रपट पुढे सरकत होता अचानक एक लव्ह सीन आला व एका किसिंग च्या प्रसंगी माझ्या शेजारच्या मुलीच्या हात माझ्याकडे सरकल्याचे मला जाणवले व समोर चित्रपटात बेड सीन सुरु झाला तसा मी माझा कोपर त्या मुलीच्या स्तनांना चीटकवला तरीही तिचा विरोध नाही हे पाहून मूक समती समजून मी माझा दुसरा हात हाताची घडी घालून तिच्या स्तनांजवळ नेला व वरून तिचे स्तन हळूच चोळले व हात बाजूला केला तसे तिच्या सिस्कारीचा आवाज आला व मी सरळ तिच्या स्तनानाच हात घातला तशी तिने ही आपला हात थेट माझ्या लिंगावर ठेवला व ती वरूनच चोळू लागली तसा मी ही तिला कुस्ककरून काढले व तिचा एक कीस घेतला तो पर्यन्त मध्यंतर झाला होता मी खायला दोन पुडे आणले व एक तिला दिला ती नको म्हणत तिने घेतला थोड्या वेळात चित्रपट सुरु झाला आता माझे लक्ष लागत नव्हते मी तिला हळूच कानात नाव विचारले तर तिने सुनीता म्हणून सांगितले व मला नाव विचारले मी माझे नाव अशोक असल्याचे सांगितले तिने माझे एक चुंबन घेतले व माझ्या लिंगाला वरुन चोळायला सुरुवात केली चित्रपट गृहात असल्यामुळे विशेष काही करता आले नाही मी शेवटी माझे कार्ड तिला दिले व तिचा नंबर लिहून घेतला. ती यात्रेसाठी आपल्या मैत्रिणीबरोबर आली होती व तिच्या शेजारी बसलेल्या मैत्रीनि चे त्या मुलाशी लग्न ठरले होते. एवढी माहीती मिळाली. तिने हळूच चेन खाली खेचली व माझे लिंग बाहेर काढले व ती मागे पुढे करू लागली तसा मी खूपच गरम झालो. ते तिला ही सांगितले व मला आता तू हवी आहेस असे म्हटले तसे ती म्हणाली नक्कीच व तिने अचानक वाकून माझ्या लिंगाला आपल्या तोंडात घेतले व त्याला ती चोकू लागली मी तर पुरता घायाळ झालो. चित्रपट संपत आला होता शेवटी ती सावरून बसली व मी तुम्हाला फोन करते म्हणाली
काय केले कसे केले व कधी केले नक्की वाचा पुढच्या भागात.

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Friday, February 26, 2016

नेहाची स्तनाग्रे - Marathi chavat katha

मी संध्याकाळी आठ ते रात्री नऊ पर्यंत कॉम्पुटर क्लास ला जात. सकाळी कोलेज आणि रात्री क्लास. क्लास मध्ये माझी एका मुलीशी मैत्री झाली होती. तिचे नाव नेहा. आमच्या मध्ये मैत्री खूप छान होती कधी कधी लवकर येऊन आम्ही दोघे नाश्ता करायला जात. तशी नेहा मला खूप आवडत होती विशेष करून तिची स्तनाग्रे मला खूप आवडायची. आमच्या क्लास मधले सर्व जन तिच्या वर फिदा होते. पावसाचे दिवस होते. एक दिवस आमच्या क्लास चे सर आले नाही. त्या दिवशी पाऊस हि खूप पडत होता. सर्व मुले व मुली तशीच भिजत घरी गेले पण मी आणि नेहा पाऊस जाणायची वाट पाहत होतो अत्र पाऊस तर जास्त येत होता आम्ही क्लास च्या तळघरात गेलो तेथे कोणी नव्हते.

बाहेर पाऊस आणि तळघरा मध्ये आम्ही दोघेच होतो. त्या एकांत नेहाला पाहून माझ मन उत्तेजित झाले व काम वासना होऊ लागली. नेहा थोडी भिजली होती त्या मुले तिच्या ड्रेस मधून तीच अंग दिसत होत. थोड्या वेळात लाईट पण गेली व पूर्ण अंधार झाला. नेहा घाबरत माझ्या जवळ आली. आणि मी हि तिच्या जवळ सरकलो. व पाहत पाहत मी नेहाला जवळ घेतल आणि नेहाला तेच पाहिजे होत. ती जवळ येताच माझ मन फुलून गेल नेहा ने माझ्या डोळ्यात एक विलक्षण प्रेम आणि काम सुखाची आतुरता पाहली असावी. ती थोडा वेळ गप्पा राहून माझ्या कडे एकटक पाहत राहिली. आणि थोडी जवळ सरकून बसली.पाहता पाहता मी हि नेहा कडे खेचत जात होतो. आणि मला हि तेच हव होत. मी हळूच नेहा चा हात धरून नेहा ला जवळ घेतलं आणि ती लाजून खाली मन घालून गप्पं बसली. कदाचित माज्या भावना नेहा पर्यंत पोहचल्या असाव्यात म्हणूनच गप्पं बसली असावी. मी नेहा ला अलगद मिठीत घेतल नेहा ला बाहुपाशात घेताच माझ मन भाराहून गेल.

नेहा ला गच्च मिठी मारली. नेहा च्या गरम गरम स्पर्शाने माझे लिंग ताठर झाले. नेहा च्या ओठाचा अलगद एक चुंबन घेतले. नेहा ला हि खूप छान वाटल. तिने मला प्रतिसाद देत आपले ओठ माझ्या ओठमध्ये देऊन माझ्या ओठाचा रस पित होती. माझा एक हात नेहा च्या छातीवर ठेवला आणि उरोज हळूच कुरवाळू लागलो. पण माझा लिंग खूप ताठर झाल होत. नेहा च्या उरोजावर हात फिरवत फिरवत नेहा च्या छातीवरचे वस्त्र दूर केले. ती हि खूप उत्तेजित झाली होती. तिची उरोज खूप गोरे पण आणि मोठे होते. ती नाजूक दिसणारी लाल कलरची बोंडे मला ती चोकण्यास भाग पडत होते. मी एक हात नेहा च्या उरोजावर ठेवत एक उरोज माझ्या तोंडात घेऊन चोखू लागलो. नेहा चा एक एक चीत्कार मला तिच्या उरोजामध्ये जाणवत होते. मी नेहा चे बोंडे चोखून चोखून लाल बुंद केली होती आणि हळू हळू सरकत पोटा जवळ आलो आणि बेंबीत जीभ घालण्याचा प्रयत्न करीत राहिलो. पण दुसरा हात योनीवर फिरवत तिची नीकर दूर केली.

तिची ती नाजूक योनी आणखी मला उत्तेजित करत. मी नेहा च्या योनीत बोट घातल ती खूपच उत्तेजित झाली. थोड्या वेळा नंतर मी माझी जीभ नेहा च्या पुची वर फिरवत नेहा ला खूप उत्तेजित केल नेहा माझे लिंग पकडले आणि आपल्या तोंडात घेऊन चोखू लागली. मला खूप बरे वाटत होते. नेहाला खालून हिसके देऊ लागलो. आणि नेहा ला झोपण्यास सांगितल. आणि तिच्या योनीवर माझे लिंग घासू लागलो. आणि योनीत घालून नेहा चे स्तनाग्रे दाबत बसलो. आणि ओठाचे दीर्घ चुंबन घेत नेहा ला हिसके देत राहिलो. आणि थोड्या वेळातच माझ वीर्य पात झाला आणि दोघांनी हि मन सोक्त काम सुखाचा आनंद घेतला.

Marathi chavat katha

Saturday, February 13, 2016

New marathi sex story

मी माझ्या ओम्नी व्हॅनने प्रवास करताना दुपारच्या जेवणाला एक ढाबा शोधत होतो. एका फाट्याच्या पानाच्या टपरिवर विचारले तेव्हा कळले जवळच एका भल्या मोठ्या लिंबाच्या झाडाखाली सावलीचा आधार घेत एक छोटासा सत्याचा ढाबा अशी पाटी आहे. तिथे गरम झुणका भाकर मिळेल, बाकी मटन, कोंबडी वगैरे पण आहे. ती जागा मला सापडली, मी तिथे थांबलो. ढाबा म्हणजे रस्त्याला पाठ करुन एक अंधारी झोपडी होती. झोपडीच्या ओट्यावर चुल व स्वैपाकाचे सामान होते. झाडा खाली दोन खाटा ठेवल्या होत्या त्यातल्या एका खाटेवर मी आरमात आडवा झालो. त्या अंधार्*या झोपडीतुन खूपच मादक आवाज आला "साह्येब, कडक सरबत का लींबु पानी घेणार?" माझ्या काना वर विश्वास बसेना. " कडक काय आहे?" "साह्येब, संत्र्याची हाय, रम हाय तसेच बिर बी हाय" त्या झोपडीत हे सगळे होते ह्याचे मला नवल वाटले. "थंड असेल तर बीअर नाहीतर दोन पेग रम पेप्सी बरोबर, पण पेप्सी थंड आहे का?"

"बीर एकदम चील आहे बघा" म्हणत ३० - ३५ वर्षाची बाई हातात बिअरची बाटली घेउन झोपडीतून बाहेर आली. जंगलात झाडे तोडणार्*या कातरी बायका असतात तशी ती होती. गुढग्यापर्यंतची घट्ट साडी, तिने नेसली होती. कंबरेला पदर असा खोचलेला होता की पोटाच्या खळग्यातली भली मोठी बेंबी लक्ष वेधणारी होती. छातीला चोळी नव्हती पण घट्ट भरलेले स्तनगोळे पदराने झाकलेले होते. पदरामागे लपलेले नीपल ताठरलेले दिसत होते. तोंडातल्या वीड्याने ओठ लाल रसरशीत दिसत होते. काजळ घातलेले मोठाले काळे डोळे फारच मादक होते. लांब केसांचा बुचडा बांधलेला होता त्यात रानटी फुले फारच आकर्षक होती.

"अहो साह्येब बीर गरम होईल, चालल का? कसला इचार करता हाय? हा रस पाहीजे असेल तर त्यो पण मिळल" असे म्हणत तीने तीचे नीपल पदरावरूनच चोळून दाखवले. "साह्येब आधी मी जेवण बनवते मग येळ असेल, जमेल तसे, काय काय हव ते सांगा." काय काय मीळणार ह्या कल्पनेनेच माझ्या भुका वाढल्या.

दोन दिवस कामामूळे शरीराची भुक विसरावी लागली होती.पण मला आधी जेवायलाच हवे होते. पण जेवणानंतर स्वीट डीश म्हणून झवणे पण हवे होते. केव्हा एकदाचे जेवण संपवतो व ही मादक नशीली स्वीट डीश खातो असे झाले होते. "साह्येब फार घाई असल तर झुणका भाकर लवकर तयार करते, पन कोंबडी, भाजी, भात समध पाहीजे असल तर बराच येळ खाईल, सांगा तुम्हाला काय पहीजेल हाय?" "मला ही गावरान झुणका भाकरच हवी आहे. छान कांदा, लसूण व कडीपत्त्याची फोडणी आहाहा भूक वाढली बघा." असे मी म्हणत होतो तेव्हा ती तोंडाला हात लावून म्हणते "अग बया, दिसल, कीती भुकेला झालात ते, बघा तुमच्या त्या अर्ध्या चड्डीतले ते लाल डोक पाहून माझी पण भुक वाढली हाय." माझे लक्ष माझ्या सुंथा केलेल्या लाल मण्या कडे गेले. ताठ होऊन बाहेर आलेल्या लवड्यातून लाळ गळायला सुरु झाले होते.

ती समोरच्या ओट्यावर बसून कामाला लागली होती. मी तीच्या मागे जाऊन उभा राहिलो. तीचे भक्कम गांडगोळे घट्ट / सैल होत होते. तिच्या साडीच्या काष्ट्या मुळे दोन्ही गांडगोळे वेगळे झाले होते. फारच मादक दिसत होते. मला शंका आली म्हणून मी तिच्या समोर गेलो. तीचा काष्टा चुतला घट्ट चिकटला होता व ती डोळे मीटून तीची चुत पायात ठेवलेल्या दगडावर घासत होती. तिला माझी चाहूल लागली म्हणून तीने माझ्या कडे पाहात "साह्येब तुमच ते मुसळ जरा चड्डी बाजूला करून दाखवा की" माझ्या ताठ झालेल्या लवड्याला बघत बघत तीने डोळे मीटले, मान मागे नेली, ती झडणार हे जाणवले म्हणून मी तीच्या मागे गेलो, लवडा बाहेर काढला व काष्ट्याच्या आत घातला, तीने लगेच गांडगोळ्यात लवडा घट्ट धरून दाबायला सुरु केले. मी पाठीमागूनच तीच्या पदरात पटकन हात घातले व दोन्ही नीपल चांगले चोळायला सुरु केले.

"ए माय अग बघ, तुझी पोर न झवताच झडते आहे" असे म्हणत ती खूप थरारली व झडली. तिच्या गांड्गोळ्यांनी माझ्या लवड्याला असे काही दाबले की मी तीच्या काष्ट्यातच चिक सोडला. मी पण झडलो. जरा वेळ एकमेकाच्या मीठीत होतो. कुठूनसा मोबाईलचा आवाज आला म्हणून ती भानावर आली. उठून खोलीत गेली. "अर भाकरी बनवीत होती, वेळ लागला, हो साह्येब पोचले हाएत, खाटेवर आराम करताहेत." ती झोपडीतून बाहेर आली "सत्त्या व्हता, माझा दोस्ताना हाय, तुम्हाला ढाबा गावला की नाही इचारीत होता." तीने पटकन तीन जाड भाकर्*या शेकल्या आम्ही दोघे जेवलो. त्या गरम झुणका भाकरने पोट भरल्या सारखे झाले. आता शरीराची भूक वाढली. व्हॅन रस्त्त्यापासून अजून थोडी आत नेली. व्हॅनच्या मागच्या काचा गडद असल्याने कोणी बघेल ह्याची भिती नव्हती. मी तीला व्हॅनच्या मागच्या भागात खेचले व व्हॅन नीट बंद केली.

तीने रोजच्या सरावाप्रमाणे साडीची गाठ सोडली. ती साडी नुसतीच गुंढाळलेली असल्याने ति एकदम नागडी झाली. मी दोन्ही खुर्च्या बंद केल्या व झोपायला जागा केली. मी तिच्या नागड्या शरीराला पीत होतो. तिचे रसाळ आंब्या सारखे असलेले स्तन फारच मोहक होते. त्यावर काळेभोर कडक ताठरलेले निपल चोखण्या करता तयार झाले होते. तिला दिवसात दहा जणा कडून आडवे पडून चोदून, ठोकून घ्यायची सवय होती असे दिसत होते. तीची साफ गोटा केलेली चुत तीने पाय फाकवून दाखवली, बोटे तोंडात घालून ओली केली व आधी चुतमण्यावर चोळली मग दोन बोटे चुत मध्ये सरकवून त्या बोटांनी चोदायला सुरु केले. मी तिच्या नीपलला सावकाश कुरवाळल्यावर, चोखल्यावर तिने डोळे बंद केले होते. तीने तिचा दुसरा हात माझ्या चड्डीत घातला व लवडा बाहेर ओढला "साह्येब चड्डी काढाना, मला नागडे होऊन झवायला लई आवडते. असे कपड्यासकट म्हणजे मुतायला बसल्या सारख हाय. असे मुतून जाणारे झवाडे मला त्रास देउन जातात. पैशा करता करावे लागते. पण कधीतरी तुमच्या सारखे दर्दी झवणारे येतात मग झवण्याचे सुख मिळते, आनंद मिळतो."

मी कपडे काढले, नागडा झालो, तिचे एका हाताने चुत चोळणे सुरु होते. दुसर्*या हाताने तीने माझे आंडगोळे सावकाश कुरवाळले. "अगबया. हे आंडगोळे चिकाने बघा कीती जड झाले हाय, रिकामे करणारी कोणी गावली न्हाय काय? मी आता हलके करून देते. तुम्ही मला झवणार का मी वर चढून तुम्हाला ह्या चुतमधे ठासून घेवू?"

"मला सांग तुझ नाव काय? तू ह्या झोपडीत राहून हे चुतला गोटा करायचे, वर चढून चोदायचे कुठे बघीतले?" ह्या नागड्या अनुभवी, मादक बाईने माझे कुतुहूल वाढवले होते.

"ते म्या नंतर सांगेन पण आधी जमल तेवढे झवत बसू मग निवांत बोलू" असे म्हणत तीने मला खाली झोपवले. ती माझ्या वर बायका मुतायला बसतात तशी बसली. लवड्याचा मणी तिच्या चुतदाण्यावर चोळत तीने चुतमध्ये घुसवला. माझे दोन्ही हात तीने तिच्या स्तनावर धरले व निपल कुस्करायला सांगीतले. मी माझा लवडा तिच्या चुत मध्ये आत बाहेर करत होता ते बघत होतो. तीचा चुतदाणा लहान मुलाच्या नुन्नी सारखा बाहेर आलेला होता. मधून मधून ती त्या दाण्याला कुस्करत होती. मी पण तो दाणा कुसकरून बघीतला. तीला ते आवडले "असेच सावकाश चोळा, ए मामामाय, बघ माझा दाणा कसा नाचतोय" असे म्हणत तिने तिच्या चोदण्याचा जोर वाढवला. "साह्येब एका हाताने माझ्या थान्याची बोंडी चोळा व एका हाताने हा दाणा चोळा, तुम्हाला झवतांना लई आनंद होतो हाय, काहो लवडा जरा ढीला पडला काय?" म्हणत ती लवड्या वरून उठली व फक्त मणी दोंडात घेउन छान चोखला, माझ्या आंडगोळ्याना तीने थोडे कुसकरले. लवडा फडफडला, त्याला तीने जोरकस मूठ मारून अजून थोडा ताणला आणि चुतला लावला, एक जोरकस धक्का देत आत ठोसून घेतला. मी पुन: नीपल व चुतमण्याला चोळणे सुरु केले. थोड्या जोरकस धक्क्यात ती जोरात थरारली व झडली. माझ्या अंगावर पडून होती.

ती माझ्या वरून खाली उतरली घुडगे छाती जवळ घेत तिने चुत उघडी केली " साह्येब ठोसा तुमचे मुसळ ह्या उखळात, चांगल जोर लावून झवा, दोन महिने झाले ही चुत अशा झवण्याला भुकेली झाली होती." मी लवडा सावकाश घासत तिच्या चुतमध्ये सगळीकडे फिरवला व मणी चुतच्या दोंडा पर्यंत बाहेर काढून जोरात धक्का मारून आत ठोसला, "ए माय ह्या रेड्याने बघ माझी आज चुत फाडली, ए मुसळ्या कूठे व्हतास इतके दिवस, हे उखळ असेच जोर लावून कुटून टाक. लई आनंद देतोस बघ." मी माझा चोदण्याचा वेग वाढवला. तीचे बोंलणे चालू होते, मी वरून तीला ठोकत होतो. शेवटी मी जोर लावून झडलो. सगळा चीक चुतमध्ये धक्के देत रिकामा केला. "बया बया कीती चीक रिकामा केला, माझ्या उखळात एवढि जागा न्हाय. तीने पाय सरळ केले मी तीच्या वर तसाच पडून होतो अजून लवडा ताठ होता, मधून मधून धक्के देत होतो. तीने एकदम चुत मागे ओढली, व जोर लावून घट्ट दाबली तसा पचकन आवाज आला. तंबाखूची पीक टाकावी तशी माझ्या चीकाची पीक तीने तीच्या चुत मधून बाहेर टाकली, "बघा तुमचा चीक ह्या उखळात मावेना." मला ती चीकाची पीक टाकणे खूप आवडले. मी तीचा मुका घेतला. तीने खाली वाकून तोंडाने माझा लवडा चोखून साफ केला. मी व्हॅनचे दार उघडले. बाहेरच्या प्रकाशात तीची चोदलेली चुतचमकत होती. मी पटकन खाली वाकून तीचा चुत दाणा माझ्या ओठात पकडला व चोखला. ती एकदम शहारली, माझे डोके तीने घट्ट धरुन माझ्या तोंडावर दोन
जोरकस चोदल्यासारखे धक्के दिले.

Marathi font chavat katha

मी माझ्या ओम्नी व्हॅनने प्रवास करताना दुपारच्या जेवणाला एक ढाबा शोधत होतो. एका फाट्याच्या पानाच्या टपरिवर विचारले तेव्हा कळले जवळच एका भल्या मोठ्या लिंबाच्या झाडाखाली सावलीचा आधार घेत एक छोटासा सत्याचा ढाबा अशी पाटी आहे. तिथे गरम झुणका भाकर मिळेल, बाकी मटन, कोंबडी वगैरे पण आहे. ती जागा मला सापडली, मी तिथे थांबलो. ढाबा म्हणजे रस्त्याला पाठ करुन एक अंधारी झोपडी होती. झोपडीच्या ओट्यावर चुल व स्वैपाकाचे सामान होते. झाडा खाली दोन खाटा ठेवल्या होत्या त्यातल्या एका खाटेवर मी आरमात आडवा झालो. त्या अंधार्*या झोपडीतुन खूपच मादक आवाज आला "साह्येब, कडक सरबत का लींबु पानी घेणार?" माझ्या काना वर विश्वास बसेना. " कडक काय आहे?" "साह्येब, संत्र्याची हाय, रम हाय तसेच बिर बी हाय" त्या झोपडीत हे सगळे होते ह्याचे मला नवल वाटले. "थंड असेल तर बीअर नाहीतर दोन पेग रम पेप्सी बरोबर, पण पेप्सी थंड आहे का?"

"बीर एकदम चील आहे बघा" म्हणत ३० - ३५ वर्षाची बाई हातात बिअरची बाटली घेउन झोपडीतून बाहेर आली. जंगलात झाडे तोडणार्*या कातरी बायका असतात तशी ती होती. गुढग्यापर्यंतची घट्ट साडी, तिने नेसली होती. कंबरेला पदर असा खोचलेला होता की पोटाच्या खळग्यातली भली मोठी बेंबी लक्ष वेधणारी होती. छातीला चोळी नव्हती पण घट्ट भरलेले स्तनगोळे पदराने झाकलेले होते. पदरामागे लपलेले नीपल ताठरलेले दिसत होते. तोंडातल्या वीड्याने ओठ लाल रसरशीत दिसत होते. काजळ घातलेले मोठाले काळे डोळे फारच मादक होते. लांब केसांचा बुचडा बांधलेला होता त्यात रानटी फुले फारच आकर्षक होती.

"अहो साह्येब बीर गरम होईल, चालल का? कसला इचार करता हाय? हा रस पाहीजे असेल तर त्यो पण मिळल" असे म्हणत तीने तीचे नीपल पदरावरूनच चोळून दाखवले. "साह्येब आधी मी जेवण बनवते मग येळ असेल, जमेल तसे, काय काय हव ते सांगा." काय काय मीळणार ह्या कल्पनेनेच माझ्या भुका वाढल्या.

दोन दिवस कामामूळे शरीराची भुक विसरावी लागली होती.पण मला आधी जेवायलाच हवे होते. पण जेवणानंतर स्वीट डीश म्हणून झवणे पण हवे होते. केव्हा एकदाचे जेवण संपवतो व ही मादक नशीली स्वीट डीश खातो असे झाले होते. "साह्येब फार घाई असल तर झुणका भाकर लवकर तयार करते, पन कोंबडी, भाजी, भात समध पाहीजे असल तर बराच येळ खाईल, सांगा तुम्हाला काय पहीजेल हाय?" "मला ही गावरान झुणका भाकरच हवी आहे. छान कांदा, लसूण व कडीपत्त्याची फोडणी आहाहा भूक वाढली बघा." असे मी म्हणत होतो तेव्हा ती तोंडाला हात लावून म्हणते "अग बया, दिसल, कीती भुकेला झालात ते, बघा तुमच्या त्या अर्ध्या चड्डीतले ते लाल डोक पाहून माझी पण भुक वाढली हाय." माझे लक्ष माझ्या सुंथा केलेल्या लाल मण्या कडे गेले. ताठ होऊन बाहेर आलेल्या लवड्यातून लाळ गळायला सुरु झाले होते.

ती समोरच्या ओट्यावर बसून कामाला लागली होती. मी तीच्या मागे जाऊन उभा राहिलो. तीचे भक्कम गांडगोळे घट्ट / सैल होत होते. तिच्या साडीच्या काष्ट्या मुळे दोन्ही गांडगोळे वेगळे झाले होते. फारच मादक दिसत होते. मला शंका आली म्हणून मी तिच्या समोर गेलो. तीचा काष्टा चुतला घट्ट चिकटला होता व ती डोळे मीटून तीची चुत पायात ठेवलेल्या दगडावर घासत होती. तिला माझी चाहूल लागली म्हणून तीने माझ्या कडे पाहात "साह्येब तुमच ते मुसळ जरा चड्डी बाजूला करून दाखवा की" माझ्या ताठ झालेल्या लवड्याला बघत बघत तीने डोळे मीटले, मान मागे नेली, ती झडणार हे जाणवले म्हणून मी तीच्या मागे गेलो, लवडा बाहेर काढला व काष्ट्याच्या आत घातला, तीने लगेच गांडगोळ्यात लवडा घट्ट धरून दाबायला सुरु केले. मी पाठीमागूनच तीच्या पदरात पटकन हात घातले व दोन्ही नीपल चांगले चोळायला सुरु केले.

"ए माय अग बघ, तुझी पोर न झवताच झडते आहे" असे म्हणत ती खूप थरारली व झडली. तिच्या गांड्गोळ्यांनी माझ्या लवड्याला असे काही दाबले की मी तीच्या काष्ट्यातच चिक सोडला. मी पण झडलो. जरा वेळ एकमेकाच्या मीठीत होतो. कुठूनसा मोबाईलचा आवाज आला म्हणून ती भानावर आली. उठून खोलीत गेली. "अर भाकरी बनवीत होती, वेळ लागला, हो साह्येब पोचले हाएत, खाटेवर आराम करताहेत." ती झोपडीतून बाहेर आली "सत्त्या व्हता, माझा दोस्ताना हाय, तुम्हाला ढाबा गावला की नाही इचारीत होता." तीने पटकन तीन जाड भाकर्*या शेकल्या आम्ही दोघे जेवलो. त्या गरम झुणका भाकरने पोट भरल्या सारखे झाले. आता शरीराची भूक वाढली. व्हॅन रस्त्त्यापासून अजून थोडी आत नेली. व्हॅनच्या मागच्या काचा गडद असल्याने कोणी बघेल ह्याची भिती नव्हती. मी तीला व्हॅनच्या मागच्या भागात खेचले व व्हॅन नीट बंद केली.

तीने रोजच्या सरावाप्रमाणे साडीची गाठ सोडली. ती साडी नुसतीच गुंढाळलेली असल्याने ति एकदम नागडी झाली. मी दोन्ही खुर्च्या बंद केल्या व झोपायला जागा केली. मी तिच्या नागड्या शरीराला पीत होतो. तिचे रसाळ आंब्या सारखे असलेले स्तन फारच मोहक होते. त्यावर काळेभोर कडक ताठरलेले निपल चोखण्या करता तयार झाले होते. तिला दिवसात दहा जणा कडून आडवे पडून चोदून, ठोकून घ्यायची सवय होती असे दिसत होते. तीची साफ गोटा केलेली चुत तीने पाय फाकवून दाखवली, बोटे तोंडात घालून ओली केली व आधी चुतमण्यावर चोळली मग दोन बोटे चुत मध्ये सरकवून त्या बोटांनी चोदायला सुरु केले. मी तिच्या नीपलला सावकाश कुरवाळल्यावर, चोखल्यावर तिने डोळे बंद केले होते. तीने तिचा दुसरा हात माझ्या चड्डीत घातला व लवडा बाहेर ओढला "साह्येब चड्डी काढाना, मला नागडे होऊन झवायला लई आवडते. असे कपड्यासकट म्हणजे मुतायला बसल्या सारख हाय. असे मुतून जाणारे झवाडे मला त्रास देउन जातात. पैशा करता करावे लागते. पण कधीतरी तुमच्या सारखे दर्दी झवणारे येतात मग झवण्याचे सुख मिळते, आनंद मिळतो."

मी कपडे काढले, नागडा झालो, तिचे एका हाताने चुत चोळणे सुरु होते. दुसर्*या हाताने तीने माझे आंडगोळे सावकाश कुरवाळले. "अगबया. हे आंडगोळे चिकाने बघा कीती जड झाले हाय, रिकामे करणारी कोणी गावली न्हाय काय? मी आता हलके करून देते. तुम्ही मला झवणार का मी वर चढून तुम्हाला ह्या चुतमधे ठासून घेवू?"

"मला सांग तुझ नाव काय? तू ह्या झोपडीत राहून हे चुतला गोटा करायचे, वर चढून चोदायचे कुठे बघीतले?" ह्या नागड्या अनुभवी, मादक बाईने माझे कुतुहूल वाढवले होते.

"ते म्या नंतर सांगेन पण आधी जमल तेवढे झवत बसू मग निवांत बोलू" असे म्हणत तीने मला खाली झोपवले. ती माझ्या वर बायका मुतायला बसतात तशी बसली. लवड्याचा मणी तिच्या चुतदाण्यावर चोळत तीने चुतमध्ये घुसवला. माझे दोन्ही हात तीने तिच्या स्तनावर धरले व निपल कुस्करायला सांगीतले. मी माझा लवडा तिच्या चुत मध्ये आत बाहेर करत होता ते बघत होतो. तीचा चुतदाणा लहान मुलाच्या नुन्नी सारखा बाहेर आलेला होता. मधून मधून ती त्या दाण्याला कुस्करत होती. मी पण तो दाणा कुसकरून बघीतला. तीला ते आवडले "असेच सावकाश चोळा, ए मामामाय, बघ माझा दाणा कसा नाचतोय" असे म्हणत तिने तिच्या चोदण्याचा जोर वाढवला. "साह्येब एका हाताने माझ्या थान्याची बोंडी चोळा व एका हाताने हा दाणा चोळा, तुम्हाला झवतांना लई आनंद होतो हाय, काहो लवडा जरा ढीला पडला काय?" म्हणत ती लवड्या वरून उठली व फक्त मणी दोंडात घेउन छान चोखला, माझ्या आंडगोळ्याना तीने थोडे कुसकरले. लवडा फडफडला, त्याला तीने जोरकस मूठ मारून अजून थोडा ताणला आणि चुतला लावला, एक जोरकस धक्का देत आत ठोसून घेतला. मी पुन: नीपल व चुतमण्याला चोळणे सुरु केले. थोड्या जोरकस धक्क्यात ती जोरात थरारली व झडली. माझ्या अंगावर पडून होती.

ती माझ्या वरून खाली उतरली घुडगे छाती जवळ घेत तिने चुत उघडी केली " साह्येब ठोसा तुमचे मुसळ ह्या उखळात, चांगल जोर लावून झवा, दोन महिने झाले ही चुत अशा झवण्याला भुकेली झाली होती." मी लवडा सावकाश घासत तिच्या चुतमध्ये सगळीकडे फिरवला व मणी चुतच्या दोंडा पर्यंत बाहेर काढून जोरात धक्का मारून आत ठोसला, "ए माय ह्या रेड्याने बघ माझी आज चुत फाडली, ए मुसळ्या कूठे व्हतास इतके दिवस, हे उखळ असेच जोर लावून कुटून टाक. लई आनंद देतोस बघ." मी माझा चोदण्याचा वेग वाढवला. तीचे बोंलणे चालू होते, मी वरून तीला ठोकत होतो. शेवटी मी जोर लावून झडलो. सगळा चीक चुतमध्ये धक्के देत रिकामा केला. "बया बया कीती चीक रिकामा केला, माझ्या उखळात एवढि जागा न्हाय. तीने पाय सरळ केले मी तीच्या वर तसाच पडून होतो अजून लवडा ताठ होता, मधून मधून धक्के देत होतो. तीने एकदम चुत मागे ओढली, व जोर लावून घट्ट दाबली तसा पचकन आवाज आला. तंबाखूची पीक टाकावी तशी माझ्या चीकाची पीक तीने तीच्या चुत मधून बाहेर टाकली, "बघा तुमचा चीक ह्या उखळात मावेना." मला ती चीकाची पीक टाकणे खूप आवडले. मी तीचा मुका घेतला. तीने खाली वाकून तोंडाने माझा लवडा चोखून साफ केला. मी व्हॅनचे दार उघडले. बाहेरच्या प्रकाशात तीची चोदलेली चुतचमकत होती. मी पटकन खाली वाकून तीचा चुत दाणा माझ्या ओठात पकडला व चोखला. ती एकदम शहारली, माझे डोके तीने घट्ट धरुन माझ्या तोंडावर दोन
जोरकस चोदल्यासारखे धक्के दिले.

Sunday, January 24, 2016

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